रात को जाने दो
धीरे से इसे बीत जाने दो
अँधेरे में हर बात को खो जाने दो।
बह जाने दो हर अहसासों को
लम्हे दर लम्हों के तह
लग जाने दो।
जो कुछ जाहिर है, दबा लेने दो
इस रात को जाने दो।
कुछ इस कोने , कुछ उस कोने
वक़्त को गुजर जाने दो,
जेब से निकल उस ख़त को पढ़ लेने दो।
अगर बाढ़ को आँखों में समाय हो,
आज बांध को टूट जाने दो।
रात को जाने दो।