धरती पर जो हैं भगवान
वो हैं माता पिता मेरे
मेरे लिए अनगिनत बलिदान
दिये उन्होंने कई दफ़े
किया नहीं कभी विश्राम
देने सिर्फ आराम मुझे
गणित, भूगोल, भाषा, विज्ञान
और ज़िंदगी जियूँ कैसे-
सिखाने मुझे, खुद छोड़ अभिमान
फिर से सीखते साथ चले
उन से प्राण, उन्हीं से त्राण
उनको ये आत्मा करे प्रणाम-
उन मात-पिता को शत-शत प्रणाम!