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Sep 2020
जब सहता है जीवन रिश्तों की धूप
बेटी आती तब बनकर ठंडी बयार

घिर जाये जीवन कभी किसी व्याधि से
हर कोई देखे निराशा, शंका आदि से
धैर्य और मुस्कान से तब भी
काम लेती बेटी रूपी ठंडी बयार

जमाना हर मोड़ पर ढहाता है कहर सा
मुश्किलें खड़ी हैं मुंह बाये डायन सुरसा
लेकर नाम भगवान का तब भी
हिम्मत देती बेटी रुपी‌ ठंडी बयार

कहता है हर रिश्ता बारंबार
आपके जीवन में भी आएगी बहार
पर मैं कहता हूं वो बेटी का उल्लास
ही है मेरे जीवन की ठंडी बयार
#best wishes of daughters day to all HPians.
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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     Kavitha prabhakaran, Aparna and Autumn
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