बचपन में जब स्कूल जाने का मन नहीं हुआ करता था कहते थे आज दांत में दर्द है खाना नहीं खाऊंगा पिताजी समझ जाते थे और घुमाने ले जाते थे।
अब आधी सदी बाद जब सच में दांत में दर्द होता है खाना नहीं खाता हूं ऑफिस भी नहीं जाता हूं आज फिर कमी है पिताजी की तरह घुमाने वाले की और दर्द को छूमंतर करने वाले की।
Some pain are small but need attention of relations.