जीवनसाथी -1
घिसटती चली जा रही हूँ मैं,
तेरे पीछे
किसी रस्सी की तरह
निरीह, निर्जीव...
तू जिधर मुड़ा
मैं भी हो ली
बिन पहचान
गूंगी, बेजान।
तेरी मंज़िल तू जाने,
मैं जानूँ बस तुझे,
तू चले कुछ हासिल करने
बिन मक़सद चलूँ मैं।
या
मंज़िल ही मेरी
मक़सद ही मेरा
है तू?
अहसास क्या तुझे है
के मैं पीछे चली हूँ?
क्या सुन सकता है तू मेरी
ख़ामोश घिसटती सरसराहट?
पर
क्यूँ पूछ रही हूँ मैं यह सब?
क्या मैं तेरे पीछे ख़ुद नहीं चली हूँ?
तू अपनी मंज़िल की ओर चला था,
मुकम्मल मक़ाम मैं थी ही नहीं तेरा,
फिर मेरे वजूद का
तेरी राह - ए - ज़िंदगी में
ज़िक्र ही क्यों हो?
तुझे मेरी तक़दीर बना दी
मेरे ज़िंदगी में तेरे अलावा
कोई और ही क्यों हो?
**
जीवन साथी - 2
*
तेरे होने का एहसास है मुझे,
तेरे होने से है वजूद मेरा,
तू पीछे सांस थामे चल रही है मेरे,
तेरे सांसों को गिन चल रहा हूँ मैं।
रफ़्तार से बढ़ रही है ज़िंदगी मेरी
ठहर के दो घड़ी आराम मुमकिन नहीं,
तेरे सांसों को उखड़ता हुआ सुनता हूं मैं
पर चलते हुए धीरे होना मुमकिन नहीं।
सच कहती है तू
मंज़िल तेरी मुझे बना चल पड़ी है तू
अभी तक पक्की सड़क पे इसीलिए चल रहा हूं मैं,
रास्तों में काँटे आएँगे आगे कभी,
पर कोशिश कर के लंबे पर साफ़ रास्तों से गुज़र रहा हूं मैं।
न कोई गिला न शिकवा तुझे है मुझसे,
न कोई सवाल न जवाब मेरा है तुझसे,
गुज़र जाएगी यूंही, ज़िंदगी तेरी - मेरी,
आगे मैं और पीछे सदा तू रहेगी मेरे,
संभाल के अपनी ताकत से
मुझे हौसला देती रहना
यूंही हँस के ख़ामोश
मुझ पे भरोसा करती रहना,
मेरी सफलता का श्रेय जाएगा तुझे,
तब मेरे पैरों को ज़मीन बनाए रखना तू।
Sparkle In Wisdom
11/8/2018
Saw today a truck filled with goods secured with rope, which has gotten loose and dragging behind it... In hypothetical situation truck and rope are talking and when truck reaches destination they praise the secured rope for the things reaching safely
E same situation can be compared to a wife follows a husband,
Or a devoted girl friend Madly in love will tag along her love...
I also wrote the answer of the make lover... Jeevansathi 2
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Have a English version too... By name
Life Partner 1 and 2