प्यार देखने में सबको अधूरा लगता है, पर इसे समझने में जीवन पूरा लगता है, सच्चा प्यार हो तो ज़िन्दगी सवर जायेंगी, और झूठा हो तो टूट कर बिखर जायेंगी,
ये ढाई अक्षर नही,ज्ञान का भंडार है, ये सिर्फ शब्द नही,अमरता का वरदान है, सच्चा प्यार तो ईश्वर को भी रास आती है, यू ही नहीं गोपियाँ कभी मीरा तो कभी राधा कहलाती है,
आँखों से शुरू होता,पर तड़पना इस दिल को पड़ता है, कभी उनकी याद में रोता, तो कभी अकेले में आहें भरता है, कभी अश्क़ बन आंखों से टपक जाता है, तो कभी सिसकियाँ बन दिल मे ही दब जाता है,
कोई प्यार को चाहत ,तो कोई इसे रोग कहता है, पर दिल बिन कुछ कहे ही सबकुछ समझ लेता है, इस ढाई अक्षर ने किसी को कवि तो किसी को शायर बना डाला, जिसने इसको समझा उसने जग में अपना नाम कर डाला.........
लोग कहते है प्यार न करना क्योंकि ये अधूरा होता है, पर हम कहते है सच्चे दिल से कर के देखो जरूर पूरा होता है....