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Jul 2017
बड़ा अज़ीब है सिलसिला प्यार का,
नजाने कब आएँगी वो पल इश्क़-ए-दीदार का,
रूठी रूठी है वो खूबसूरत नज़रे उनकी,
नजाने कब ख़त्म होगा मेरा वक़्त इंतज़ार का,
वक़्त इंतज़ार का,

हर लम्हा उनकी याद में खोये हुए,
उनके मिलान की आस दिल में बोये हुए,
अपनी साँसों में लिखकर नाम उनका,
उनका चेहरा अपने आँखों में सजोये हुए,

सुना है बड़ा मीठा होता है वो फल इंतज़ार का,
कैसे दूर करू नाराज़गी अपने दिलदार का,
ज़िन्दगी भर देंगे हम साथ उनका,
क्योंकि जंजीर से भी मज़बूत होता है डोर सच्चे प्यार का,
डोर सच्चे प्यार का.......


Shrivastva MK
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
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