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Apr 2024 · 74
Mountains
Mountains are heaven for the summer
Sun on face and clouds on shoulders
Really a beauty for the beholders.
Apr 2024 · 174
कोटा शहर
जहां तक दृष्टि जाती
वहां तक दिखता कोटा
उसके आगे बादल से लटका
दिखता फिर भी कोटा।
सुनहरी आकाश की उपमा
शायद धारण कर ली कोटा
पढ़ने आते बच्चे यहां
पाल सुनहरी सपना मोटा।
डोरिया की साड़ी प्रसिद्ध
गहनों का रुतबा ऊंचा
सात अजूबों की नकल
बात कहती कूंचा-कूंचा।
रिवर फ्रंट ने चमक बढ़ाई
चंबल हो गई स्थल सुहानी
बीचोंबीच शहर से गुजरती
लगती सौन्दर्य की रानी।।
Apr 2024 · 128
Parallel lines
Love is like two parallel lines
When they are separate it exists
When they combine it is felt
but neither seen & nor expressed.
यों तो चराग-ए-जहां
कई हैं यहां
रोशन दिल को करता
चराग-ए-मकां।।
Apr 2024 · 143
जाट
जाट का‌ नाम जूनून है
जूनून जीना ही कानून ‌है।
Apr 2024 · 67
Flashback
Some pictures take to the flashback
Apr 2024 · 64
Fragrance
Time is more fragrant than flowers.
अजीब इत्तेफाक है
बांटने से‌ खुशियां बढ़ती हैं
दर्द कम होता‌ है
दिल इसलिए ही
एक हमदर्द चाहता है।।
होली आती रंग लाती
और मस्ती भरी मसखरी
दबी इच्छाएं प्रकट होतीं
बन व्यंग्य की फूलझड़ी
पीने के शौकीन झूमते
इस मद्धम सर्दी रसभरी
फूलों पर गुनगुनाते भौंरे
लगते शबाब पर डालते डोरे
ऐसे मनभावन मौसम में
साठ वाले भी बनें छिछोरे।।
Mar 2024 · 53
रणभेरी
चलो चुनावों की आज
बज गयी रणभेरी है
ना तेरी ना मेरी चलेगी
अब जनता की बारी है
पापड़ जैसे हल्की-हल्की
सिकती जनता हर दिन है
चुनावों में वह बनके लावा
हर पत्थर पिघला सकती है
भावनाओं के दोहन के
नीचे हर बार दब जाती हैं
देखो आजादी‌ के पिचहतरे
अब क्या गुल खिलाती है।।
आज फिर दिल उदास है
लगता है तू मेरे पास है
फ़ैसला कोई अहम होगा
ऐसा हो‌ रहा आभास है।

ख्वाहिशों को लगी हैं सीढियां
बस तेरा ही‌ इंतजार है
कमियां जो कभी कचोटती थी
आज खड़ी बनकर कसूरवार हैं।

दीदार तेरा इतना अनोखा है
हर वस्तु में जैसे तू सुमार है
इल्तिज़ा बस इतनी सी है
मोती बन आंखों ना उतर जाना
आज होनी दृश्यों की भरमार है।
नारी तेरे तीन रूप
मां , बेटी और संगिनी
समर्पण,संवेदनशील
हर कला का स्रोत
परिस्थिति के अनुसार
भावों से ओतप्रोत
तुझसे ही है यह दुनियां
नित - नित नमन‌ है
तुझे जग जननी।।
Mar 2024 · 129
इरादा
इरादा जब पक्का हो
तो मिल ही जाता है हमदम
चेहरे की रंगत बदल जाती है
ख्वाब बदल लेते हैं हम।।
यह इश्क नहीं आसान
पहले देख- देख मुस्काना
फिर मिलने का ढूंढो बहाना
मिलो तो तारीफों का उलाहना
"झूठे - झूठे बार -बार सुनना"
बिन तारीफ तो पास क्या जाना
कभी गर्दन सुराहीदार बताना
कभी कमर का बल खाना
कानों के झूमके झूले
उनमें खुद को स्पर्श करते देखना
सब ठीक-ठाक हो तो शादी होना
उम्र भर उसका कुत्ता घुमाना
बाजार जाओ तो चुपचाप बैठे रहना
पर्स खाली होते देखना
फिर बैग उठा-उठा गाड़ी में रखना
घर आकर बच्चे कहें
पापा आपकी पसंद खराब ,मम्मी सब जानती है
अगली बार आप तो गाड़ी में ही रहना।।
        😀😀😀😀😀
Mar 2024 · 59
शादियां
कुछ शादियां शक्ल देख
कुछ होती देखकर दौलत
इश्क होता आंखें पढ़कर
शब्दों की ना मोहलत।।
आ गया फाल्गुन
लेकर मस्ती के दिन
पेड़ों पर कौंपल देख
मुस्काये मेरा मन।
मधु के प्याले छलकें आंखों
देख गौरियों का तन
गींदड़ , डांडिया खेलकर
पाऊं उनका संग।
मेरा रोमांस फैल रहा
ज्यों बारहसिंगा के सींग
कचनार सी गोरियां
सोच-समझ बढाइयो प्यार की पींग।।
Mar 2024 · 80
क़फ़स
यह जिस्म मेरा बन गया है मेरा ही क़फ़स
कानों गुंजें तेरे लफ्ज़, आंखों में तेरा अक्स।।
Mar 2024 · 121
हमजोली
मैं दिल का राजा
तू देशी गर्ल
तू मेरी शहजादी
मैं तेरा फकीर
तू भरती प्यार से झोली
जीवन लगता आंख मिचौली
हर राह की तू हमजोली।

हर सपना बना हकीकत
मैंने माना‌ तुझे मल्कियत
तूने समझाई असलियत
आती गई हर सलाहियत
जीवन नैया जब भी डोली
चिंता नहीं रही जबसे है
हर राह की तू हमजोली।।
Feb 2024 · 126
समां
तू ने जो बुना था समां
मिटा ना सका यह जहां ।।
@20 year old cream color baggie woven by my love
बिजली - पानी का मेल
कुछ तकनीक का खेल
खेजड़ियां पतझड़ डूबीं
सरसों रही इतराय।।
Feb 2024 · 154
कैमरा
जब कैमरे को साक्षी बनाया
मुझको तेज ने फिर जगाया ।।
Feb 2024 · 101
तस्वीर
लाख कोशिश करूं उसे भूलाने की
आज तक ऐसा कोई रंग नहीं मिला
जो सलाहियत रखता हो
आंखों से तस्वीर उसकी मिटाने की।।
प्यार वह अहसास है
जिसमें समुद्र की लहरें
आकाश की हवाएं
एक चेहरे में समा जाएं
पत्थर पर बैठ कर भी
रंगत फूलों की पाएं।।
चूमो धरती गर्व से
या फिर मां के पांव
हर खुशी और दर्द में
मिलेगी ठंडी छांव
यह एक दिन का फ़ूहड़पन है
सच्चा प्यार तो पर्दे मांय।।
Feb 2024 · 185
जज़्बात
किसने जाना उम्र हो रही तमाम
बांट लो जज़्बात जब हमदर्द मिले।।
Feb 2024 · 76
Complete
To me
*** is love
To her
I am love
She is complete
I am incomplete
Feb 2024 · 81
My own way
I promise
New handbag on birthday
Cindrella dress on wedding day
Black goggles on sunny day
Woolen cardigan on winter day
Swim suit on rainy day
Black bellis when you say
But love should be
in my own way.
गर आप हंसकर मिलोगी
रंजिशें कहां पनाह लेंगी
बसन्त का आगाज है
पत्थर भी पिघला देंगी।।
Feb 2024 · 140
फ़रवरी
छोटी सी फरवरी
सर्दी उड़ा के ले चली
प्यार की खुमारी
बसन्त बहाने दे चली
बजट का पिटारा उतार सिर से
मेरे सिर पर छोड़ चली
प्यार और बजट की रस्साकसी
तेरा यह सितम याद रहसी।।
Feb 2024 · 101
चाबी
अब हम हसीन ख्यालों से ही दिल बहला लेते हैं
सपनो‌ को‌ हकीकत में बदलने की चाबी अब भुला चुके हैं।
Feb 2024 · 69
Poem
She has dark complexion,
and cat eyes
Red lips, red dot
And wearing red
makes her
an attractive poem
I recite her
every bedtime
Feb 2024 · 125
शायर
श्यामल रंग,बिलौरी आंखें
काजल गहरा मस्त सजाया
सुर्ख लब, सुर्ख ही बिंदी
सुर्ख साड़ी में खुद को
एक अद्भुत ग़ज़ल बनाया
तुझको देखा, रोक ना पाया
जिसने लिखा शायर कहलाया।।
Feb 2024 · 72
फ़रवरी
आ गई फरवरी
लाई बसन्त की आहट
मावठ ने भर दी
वनस्पति में खिलखिलाहट
प्रकृति यों शुरू कर रही
मौसम में भरनी गर्माहट
दिलों में जागने लगी
अब प्यार की चाहत
कवियों की कलम भी करने
लगी प्यार की फुसफुसाहट ।।
Jan 2024 · 161
Problems
Solution of problems
Lies in problems
Just need to think patiently
Jan 2024 · 143
इश्क
यह इश्क़ नादान को संजीदा बना देता है
ना हो मुकम्मल तो दर्द का दरिया बन जाता है।।
ये गोरे- गोरे आलू के पराठे
नोनी घी और आम का अचार
शनिवार की दोपहरी,धूप चढ़ी दीवार
एक कटोरी दही भी हुआ लंच  सुमार
चार किमी जोगिंग का काम है तैयार।।
Jan 2024 · 130
झण्डारोहण
झण्डा ऊंचा रहे हमारा
चाहे कोहरे का हो पहरा।।
सबको समान अवसर
सबको समान अधिकार
सब बनाते हैं सरकार
सब में निहित है सरकार
संविधान की है पुकार।।
Jan 2024 · 162
Daughter
A mother is the heaven on the earth
and a daughter is manifestation of it.
Jan 2024 · 84
बेटियां
मां इस धरती पर स्वर्ग है
बेटियां उसकी अभिव्यक्ति।।
Jan 2024 · 169
नटखट
बच्चे नटखट कार्य से
बुजुर्ग नटखट दिल से
बात दोनों एक ही है बस
बच्चों के बाल आने वाले
बुजुर्गो के जाने वाले।।
जय श्रीराम,भजलो यह नाम
जमाना है डिजिटल,सेव करलो नाम
इतना जतन से सेव करो कि अगर
हमारा शरीर रूपी हार्डवेयर खत्म भी हो जाये तो
बैक अप में यमराज को जय श्रीराम मिल जाये।।
मद्धम होती सर्दी में
मद्धम-मद्धम रोशनी
बसन्त की आहट से
दिलों में बनने लगी
प्यार‌ वाली चाशनी।।
लोग लिखते हैं चित्रों पर
मैं लिखता हूं मित्रों पर
उन्होंने पढ़ा तो ठीक है
नहीं पढा तो कोई  बात नहीं
मैं तो उनको पढ़ ही रहा हूं
बस इस बहाने से ।।
आज सिमट रहा हूं
मैं अपने वजूद में
देखकर पीछे छूटा अरसा
कुछ ख्वाहिशों ने चलाया
कुछ जिम्मेदारियों का फरसा
उठा , गिरा फिर उठा
उठा पटक की वर्षा
जीत मेरे हिस्से आई
जितनी दिल फेंक को प्यार
दोस्तों से  जो कुछ सीखा
वही आचरण में है सुमार
इंतजार घरवाले करते हैं
दोस्त तो उठा लेते हैं यार
कड़वी को पी लेते दोस्त
मीठे मिला‌ दे कड़वा
मीठी -कड़वी सुनकर इनकी
हर्षित है मेरा मनवा।।
Jan 2024 · 161
संवाद
लिख ही लीजिए
जब सुनने वाला ना मिले
सोच जब अंगुलियों पर उतरेगी
अंगुलियां ही सही दिमाग से
संवाद तो करेंगी।।
Jan 2024 · 179
हुनर
बूढ़ा होकर  भी एक हुनर तो चाहिए
प्रेम की बात अब भजन में ही कहिए।।
Jan 2024 · 139
यायावरी
यह शायरी ही हमारी समझो
हमारी खुश रहने की यायावरी ।।
Phoney sulk of elders
Forced bath of lazy souls
New clothes placate elders
Wrath of cold spooks youngers
This definition of Makar Sankranti
I have learnt from some prankers
जो सबसे सस्ता लगता है
वही था सेहत का खजाना

सुबह सर्दियों में अलाव जगाकर
बैठ अपनों संग बतियाना
सर्दी के बहाने वो खुले में
कुश्ती,माला देना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

गाय, भैंस , बकरी वाला
वह घर का भरा दालान
बरबस ही मन मोह लेता था
वो बछड़ों का रंभाना
शब्द नहीं होते थे ,पर हेत हृदय पहचाना
हाथ फेर स्नेह जताना
वही था सेहत का खजाना।

मोरों की आवाज सुनकर
वह वर्षा का अनुमान लगाना
खाने से पहले नहा धोकर
पाव चुग्गा बरसाना
पूरे दिन पक्षियों का कलरव सुन
वह हृदय का हरसाना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

मिट्टी के बर्तन से घी-दूध
मिट्टी के बर्तन में लेकर
बैठ रेत में सुबह-सुबह ही गटकना
ना खांसी, ना एलर्जी,ना शरीर का लाल होना
इतने मस्त मलंग थे
बैठ जमीन पर ही नहाना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

सूरज की धूप सेंक कर
दोपहर सर्दियों में ओढ़ कम्बल सो जाना
सोचता हूं यही था
पूरे साल‌‌ की इम्यूनिटी का खजाना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

मकान चाहे कच्चे थे
उसूल बड़े पक्के थे
बिन रोटी लायक काम के
कोई पड़े -पड़े नहीं खाते थे
सरकारों की योजनाओं का
कभी मुंह नहीं ताकते थे
खुद ही बुनकर‌, खुद सील कर
मोटा कपड़ा पहनते थे
पगड़ी पहन ठसक से रहना
वाह रे वाह क्या कहना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।
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