Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
 
Mohan Jaipuri Sep 2019
Flint hits flint
Creates sparks
Those who gives
wings to that spark,
bridges the gap of
light and dark &
Creates poetry
with unsaid remarks,
Creates a rainbow
from shape of themes,
he is no doubt
a lover of dreams.
Mohan Jaipuri Sep 2019
Life is like snake ladder
Some boxes have snakes
Some boxes have ladders
Those who want to play
it well should
leave the state of fear and
Break the window of boxes
which keep us busy in
making everyone happy
No one is defeated here
Similarly no one is winner
One who thinks out of box
Only he becomes leader
Mohan Jaipuri Aug 2019
रसीदी टिकट
एक आत्मकथा
पिंजर
एक व्यथा कथा
कागज ते कैनवास
व्यक्त करती
नारी शक्ति एवं संवेदना
उसकी जन्मशती पर
हमारी भी एक तमन्ना
एक बार फिर से तू
जन्म इसी धरा पर लेना।।
Mohan Jaipuri Aug 2019
कविता उस कृति का नाम है
जहां सृजन के शब्द उभरते हैं
प्रेरक प्रसंग मिलते हैं
कल्पनाओं के फूल खिलते हैं
प्यार और प्रीत पल्लवित होते हैं
भावनाओं की ऊंची उड़ान
का नाम है कविता।

नित नये विचारों के प्रवाह
का नाम है कविता
आत्मबोध का मार्ग
प्रशस्त करती है कविता
जिसने अपना‌ ली है कविता
वह‌ बन जाता है
एक जीवित शब्द संहिता ।।
Mohan Jaipuri Aug 2019
थां नै घणी घणी बधाइयां
देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां
म्हे था नै निरबिरोध जीतायां हां मान सूं
म्हे जाणां म्हानै बडभागी
जदै थे आया अठै बडे चाव सूं
अबै थे बिराजोला बडी पंचाट मा
जठै बसै देश री आतमा
एकै काम थे म्हारो करणै रो जतन करया
म्हे बोहोत बरसां सूं जिके रै लैर पड़्या
जे थे करस्यो म्हारी पैरवियां
म्हे नाचांला पेहर पैंजणियां
थां नै घणी घणी बधाइयां
देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां।

म्हे छां दस किरोड़ राजस्थानी
म्हे बोलां दूजां री बाणी
म्हारा टाबर भूल्या म्हारी पिछाणी
म्हे जाणां‌ म्हे हां पढ्योड़ा‌ सूवा
जिका री भाषा है अणजाणी
म्हे चौंतीस सांसद राज रा
एकै पाछलै महाराज नै
चुणै भेज्या है परदेस रै काज नै
थां सगला मिल नै दिलाज्यो
म्हारी राजस्थानी नै माणता
जे थे करस्यो म्हारी पैरवियां
म्हे नाचांला पेहर पैंजणियां
थां नै घणी घणी बधाइयां
देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां।

राजस्थान छै मोटो परदेस
फेरूं भी म्हे माणस बेजुबान रा
सूण्यो है नेपाल देश है फूटरा
दे राखीहै राजस्थानी नै बीं माणता
अबकै मत चूक जा‌ज्यो थे
म्हानै थास्यूं‌ है बडी उम्मीदड़्यां
जे थे करस्यो म्हारी पैरवियां
म्हे नाचांला पेहर पैंजणियां
थां नै घणी घणी बधाइयां
देवै परदेश रा लोग नै लुगाइयां।।
It is a humble request to all MPs from rajasthan  for seeking the recognition of Rajasthani language from the govt of india on the occassion of the un-opposed election of former prime minister sh. MannMohan Singhji for Rajya Sabha from Rajasthan
Mohan Jaipuri Aug 2019
वैसे तो अभी वक्त नहीं है
तथ्य और पथ्य जानने का
कुनबा तेरा सशक्त नहीं
मोल है उसका आने का।
एक बात शाश्वत है
जोखिम तभी लो
जब हो कुछ पाने का
तपे हुए सोने पर से विश्वास
ना कभी डिगाने का।
नतीजे जो भी हो
सीख मिलेगी‌ बढने की
खुश किस्मत होते हैं वो घर
जहां मां के हाथ कुंजी है
तुम्हारी समझ को मानना
यही तुम्हारी पूंजी है।
But unless you return
No matter
I used to wait
Next page