ना पेट हिलाना योग है ना व्यायाम करना योग है ना उपदेश देना योग है ना गायन वादन योग है स्वंय को केंद्र में ना रख कर दूसरों के हित के लिए कार्य योग है।
आज इस योग दिवस पर कुछ योगियों को सलाम करता हूं मेरे लिए तो बस यही योग है इतिहास में कृष्ण कर्म योगी थे जिन्होंने दुराचार मिटाया स्वयं का कोई हित नहीं था दूसरों के हित के लिए युद्ध को भी दुनिया के उद्धार का मार्ग बनाया।
इस आर्थिक युग में रामदेव योगी है जिसने योग में स्थित होकर भी व्यापार का बेड़ा पार लगाया और मानवता को निराशा से उबारने का योग को जरिया बनाया व विश्व में योग नाम फिर से बुलंद कराया।
व्यक्तिगत जीवन में दो योगी हैं जिनसे बार-बार मुखातिब हुआ एक हैं भीमनाथ जिन्होंने वकालत को भी समता में जीने का जरिया बनाया दूसरा भुवनेश कुमार जिसने नौकरशाह के टैग से हटकर दोस्ती के धर्म को जीवन का आधार बनाया।