यों तो हम सभी मिट्टी के खिलौने हैं जिनके अनिश्चित से ठिकाने हैं यह बेरहम दुनिया इन खिलौनों से तरह-तरह से खेलती है एक पिता ही वह हीरा है जिसने अपने संस्कार और तालीम की शिल्पकारी से तुझको नाज़नीन से बेनजीर बनाया है बख्शे खुदा जन्नत उनको जिसने तुझे कांच से हीरा बनाया है।।
# RIP Siraj Sir father of Nazneen # Condolences Nazneen- a budding writer