Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Apr 2021
हेलो महिला
मुझे भ्रम में डाल दिया,
शीघ्र ही,
आप किस मोह में फैले हैं-
रोमांचित तार में, प्यासे सुबह,
मेरे दिल में;
समय गुजरता है,
हेलम दिया-
चेतना को पुनर्जीवित करते हुए, मैं एक अदृश्य नखलिस्तान देखता हूं,
समय की प्राचीनता के लिए,
ब्रह्मचारी हो गया।
Hakikur Rahman
Written by
Hakikur Rahman  62/M/Portugal
(62/M/Portugal)   
Please log in to view and add comments on poems