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Sep 2019
'ह' से है रंग हरा
'ह' से हैं सब हर्षित
'ह' का ही होता चिंतन
'ह' से ही है ये जीवन
आधे' न' से चार ज्ञानेंद्रियां
नाक, कान, आंख और रसना
ऐसी ही है हमारी रचना
'द' में भाव है देने का
'द' ही प्रतीक है दया का
'द' में समाया हर एक दिवस
'द' ही है दिवस का दीपक
जिसकी मात्राएं चांद और सूरज
ऐसी प्यारी हिंदी शब्द की सूरत
जिसकी सीमाएं हैं सीधी रेखाएं
ऐसी हैं हिंदी की उपमाएं।।
14 sept :India Hindi day.
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
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         bess goldstein, Raj Bhandari, Edward and Inked Quill
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