जब बादल गरजें उमड़ - घुमड़ बरसात में लगता है तुम्हीं हो जब दोस्त मिले और चेहरे खिलें उस मिलाप की उमंग तुम्हीं हो जब किसी बुजुर्ग को सहारा कोई नौजवान दे उस सहारे की प्रेरणा लगता है तुम्हीं हो कोई बच्चा मां के आंचल में सिमटे उस बच्चे का विश्वास तुम्हीं हो रात आए और तारे छायें वो रोशन रैना तुम्हीं हो उषा आए और लाली लाये उस लाली में लगता है तुम्हीं हो कलम लेकर लिखने बैठूं जो शब्द उतरें वह तुम्हीं हो जब तक लिखना जारी है तू कहां मुझसे न्यारी है।।