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Mohan Sardarshahari
Poems
Aug 2019
तुम
कभी खयालों में आओ तुम
कभी बारिशों सा गाओ तुम
तुम सूर्य का उजाला हो
कभी आंखों में समाओ तुम
मैं एक शायर हूं
कभी लफ्जों में आओ तुम
कभी ख्वाबों में आओ तुम
अगर कभी घेरे निराशा मुझे
चारों ओर हो गम
और रातें हो बेदम
तब बनके चांदनी
हृदय में समाओ तुम
कभी खयालों में आओ तुम
कभी ख्वाबों में आओ तुम।
Dedicated to Gulzar sahab on his birthday today
Written by
Mohan Sardarshahari
56/M/India
(56/M/India)
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