प्यार जब करना ही है तो उससे करो जो हो पाकीजा जिसकी आंखे बोलती हों होंठ गुलाब की पंखुड़ी से हों खुलें तो खिल-खिलाते हों चेहरा नूरानी हो वक्र आकृतियां तूफानी हों बस ध्यान रखें गुलाब की संगत कांटो की होती है सुंदर स्त्री नखरीली होती है औकात अपनी परख लो उसके बाद फैसला लो चल पड़ी तो रंगीन जिंदगी वरना खूबसूरत बंदगी और बंदगी लाएगी अद्भुत संजीदगी।