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Jan 2019
घर सुना,काया सुनी
सुना लगे जहान।
मां नाम ममता,करूणा,
आशीष और आंचल परवाण।
खुद  सूख  सींचे परिवार,
उसको  कोटि नमस्कार।
विपत्ती में सिर्फ शान्त रह
देवे धैर्य की सीख,
अन्तिम सांस तक नसीहतें दे
ऐसी मां को सलाम।
बच्चे चाहे कैसे भी हों
वो पेश करे उन्हें महान,
लोगों में ऐसे बताये जैसे वो हों कोई सुल्तान।
बच्चों के सारे गुनाह ढकले
ऐसी मां को सलाम।
अगर बच्चे लड़े तो बीच खड़ी हो
जैसे हो आस्था की  दीवार ।
उसका हर शब्द बनता  जैसे एक दृढ लकीर।
जब वो गुस्सा हो रोटी ना खाये,
तो सारे घर में खामोशी छा जाये,
शाम को पूछें क्या हुआ तो बोले
बस थोड़ी तबियत खराब।
फिर वापस सबको खिला - पिला खुश हो जाए
ऐसी मां को सलाम ।
खुद को  जब यमदूत बुलाऐ तो भी
बुझती निगाहें  आशिशें दे,
और ऐसे जताये जैसे कोई जंग जीती हो।
त्याग , समर्पण है जिसका नाम,
ऐसी मां को सलाम।।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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