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Nov 2018
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महकते फूल..
कुछ किताबों में।
जागती पलकों पे..
सजे ख़्वाबों में।।

मेरे अहसास हैं..
या कि गोयाई-ए-लब।
कुछ तो हैं सवालों में..
कुछ पोशीदा हैं जवाबों में।।

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©deovrat 27.11.2018
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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