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Jun 2018
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दिल ने यूं ही बेशाख़्ता,
कर ली है शनाशाई।

पशेमां हो के भी उनसे,
ना हो पाया वो हरज़ाई।।

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परश्तिस करने का ज़ज्बा,
कहें या शोक-ए-इबाद़त।

सदा को हो गया उसका,
वो उसकी हो नही पाई।।

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©deovrat
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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