कौन होते है आप घूर कर उसको देखने वाले कपड़ों पर उसके भौंकने वाले सोच को थोड़ी खुद की सुधारो आंखो की हैवानियत ,बाहर निकालो निकलेगी खुद की भी बेटी एक दिन इन्हीं बेशरम सड़कों पर तब सवाल होगा तेरा खुद से क्या सलामत लौटेगी वो घर पे ? जा कर मंदिर में आप जो ढोंग हजारों रचते हो लक्ष्मी दुर्गा का नाम बोल कर माथा अपना रगड़ते हो देवी समझ कर ही बंद कर दो तुम ये हवस अश्लीलता का व्यापार वरना विनाश को तेरे धर लेगी वो मां काली का अवतार एक सुंदर तस्वीर है वो ,अस्तित्व लेने दो उसे एक ख्वाब है वो ,पूरा होने दो उसे एक खुशी है वो ,खुल कर हसने दो उसे एक सितारा है वो ,चमकने दो उसे खुदा की खूबसूरती है वो, सिर्फ लड़की नहीं किसी की बहन किसी की बेटी है वो जीने दो उसे ।।