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Apr 2018
मसरूफियत है या बेरुखी
अब कुछ तो हमें बतलायें

इस तरह संजीदगी का आलम
क्या कहें बस चुप ही रह पाएं

दिल से कुछ कोई बात चले
तो फिर से दिल खिल जाएं

कुछ बज़्म जमे दौर चले
और बेतकल्लुफ़ खिलखिलाएं
English version follows
Jayantee Khare
Written by
Jayantee Khare  45/F/Pune, India
(45/F/Pune, India)   
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