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Deovrat Sharma
Poems
Feb 2018
उनकी बातें
.....
तेरे रुखशार प आॅचल है
या घने गेशू है।
काली बदली में कहाँ...
माहताब छुपा पायेंगे!!
मेरी पुरनम निगाहों में...
इतनी ताब कहां ।
कि गुलों शबनम
पे नज़र डालेंगे!!!
मेरे शानों पे है...
बला की गर्दिश!
तेरी ख्वाहिशों का...
बोझ उठा ना पायेंगे!!
क्या बताएं क्यूँ कहा..
किस्सा-ए-ग़ुरबत बज़म में!
अब ये हाल-ए-दिल की बातें..
किस को क्या समझायेंगे!!
*deovrat-09.02.2018 (c)
Written by
Deovrat Sharma
58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)
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