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Oct 2017
देखा तुम्हें तो
लगा जैसे बर्सों की दोस्ती है ,
तुम्हारा हाथ पकड. के साथ
चलने का करता है
मेरा मन ।

मीठी सी तुम्हारी आवाज,
तुम्हें गुनगुनाते हुए
सुनने का करता है
मेरा मन ।

गोलगप्पे खाते हुए
जब तुम अजीब सा चेहरा
बनाती हो
तुम्हें देखते रहने का करता है
मेरा मन ।

तुम्हारा माँ सा स्नेह,
गहरी दोस्ती,
ओर प्रेम
पाते रहने का करता है
मेरा मन ।
A tale of a sacred heart
Gourav R Dwivedi
Written by
Gourav R Dwivedi  20/M
(20/M)   
  412
   Guden
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