~i~
I am lost
Sitting still,
I am moving, drifting far.
Slowly, steadily,
With the passing of each second,
Not taking a single step away,
Moving with time,
Each moment irreversible,
I have come far.
You are now but a small dot far away,
Fading into the horizon.
I am not lost, I am free.
Oh yes, memories there are,
Of lives unlived.
Visions of an unreal past,
As much an assumption as the future.
Yearning for a smile that livens,
Aching for a touch that lingers,
Bleeding for a heart that sings.
But the silent heart no more bleeds,
For in my freedom,
You are lost.
~ii~
खोया हूँ मैं
यहाँ थमा बैठा,
फिर भी चल रहा हूँ मैं
बढ़ता, हर बीतते हुए पल के साथ।
मैंने तोह एक कदम भी नहीं बढ़ा,
पर समय चलता रहा,
एकटक, बिना रुके,
काफ़ी दूर चला आया हूँ मैं।
कहीं दूर एक भीनी परछाईं सी लगती हो तुम अब,
जो मिट सी रही हो, शाम के साये में।
खोया नहीं, आज़ाद हूँ में।।
हाँ, यादें हैं काफ़ी,
उस ज़िन्दगी की, जो कभी जी तो नहीं हमने।
बीते कल की यादें जो मानो सच हैं उतनी ही
जितने सच हैं सपने आने वाले कल के।
चाहत उस मुस्कान की जिसमें ज़िन्दगी भरी हो,
तड़प उस एहसास की जो छू जाए रुह को,
बेहाली उस दिल के लिए जिसमें ख़ुशी झूमे।
मगर दिल अब खामोश है, बेहाल नहीं,
मेरी इस आज़ादी में,
कहीं खो गयीं तुम।।
An attempt of a bilingual person to understand which language better expresses his thought.