हमने उनसे प्यार मांगा था,वो जुदाई का गम दे गए,
याद करू भी तो कैसे? वो भूल जाने की कसम दे गए,
क्या खूब थे वो,क्या गज़ब की उनकी आदायें थी,
उनके दीदार को सिर्फ हम ही नही बेक़रार ये फिजायें थी,
उनकी आँखों में मुझे ख़ुदा की तस्वीर दिखती थी,
कभी मजनू की लैला,तो कभी राँझे की हीर दिखती थी,
इन पलकों में अपने उनकी तस्वीर छुपाया रखता था,
आँखों मे आँसू हो फिर भी मुस्कुराया करता था,
इन आँखों से ओझल हो वो नजाने कहाँ चले गए,
हम उनका इंतेज़ार करते रह गए,वो किसी और के हो गए,
ये छोटी आँखें आँसुओ का समंदर बन गया,
अब ये नादां दिल मेरा दर्दो का मंजर बन गया,
वो भी क्या खूब निकले,हमने जो सोचा ना था वो सच कर गए,
मेरे प्यार,विश्वास और जज़्बातों का कत्ल कर गए,
सरेआम कत्ल कर गए.....
Never play with anyone faith....