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792 · Feb 2018
Choka poem in hindi
Rashmi Kiran Feb 2018
क्यों प्रेम किया
क्यों निभा रहे तुम
बसंत बने
ज़ख्म भर जो रहे
क्या दे सकती
मृत प्रीत मेरी है
नासूर मेरे
विष वमन करें
ये विषपान
सह लोगे क्या तुम
शिव मेरे हो कर
~~रश्मि किरण
Why you loved me
Why you are fulfilling
Like  spring
You are healing my wound
What I can offer you
I have my dead love with me
My canker sores
Vomiting poison
Those poisonous drink
Can you sustain within
Becoming my lord Shiva
(English translation of the above poem )
                              ~~ Rashmi Kiran
Choka is a Japanese style of poetry .now this style is adopted in many other languages too .
235 · Feb 2018
Kiss of nature
Rashmi Kiran Feb 2018
~~प्रकृति के चुंबन ~~
ओ सजना सुनों ना
भंवरे क्यूं गूंजन करते डोले हैं
फूलों का मधुपान किया करते हैं
क्षितिज अनंत तक देखो ना
कैसे नभ धरा पर झुकते हैं
बार बार सागर से लहरें क्यों उठतीं हैं
यह सब क्यों होता है बोलो ना
लहर किनारों को सिक्त करतीं हैं
ठहर वहाँ मेह क्यों बरस पडते हैं
साजन श्रृंगों पर मेह दल को देखो ना
पात पात की रंगत क्यूं निखरी है
किरणों ने हर पात पे देखो अधर धरा है
नादान बन यूँ अब मुझको देखो ना
प्रकृति में सब चुम्बन में डूबे हुये हैं
कुछ तो समझो तुमसे क्या कहते हैं
ओ सजना सुनों ना
                            ~~रश्मि किरण

— The End —