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Mohan Jaipuri May 2022
आखा तीज से अक्षय  बने
शिक्षा, स्वास्थ्य और समृद्धि
आखा तीज का कलंक मिटे
बाल विवाह से नाता छूटे।।
215 · Mar 2023
Salutu salutu
Mohan Jaipuri Mar 2023
Naatu Naatu‌
Oscar ** gya
Tum par
Lattu Lattu
Mera tujhko
Salutu salutu
👏👏👏👏
Mohan Jaipuri Sep 2019
अभियंता का चिंतन
ड्राइंग पर आता
ड्राइंग से डिजाइन बनाता
डिजाइन जब फील्ड पर आती
इसमें मानवता की कड़ी जुड़ती
यहीं से अभियंता की
प्राथमिकताएं शुरू होती।

अभियंता एक सच्चा धर्मनिरपेक्ष
उसका उद्देश्य मानवता सापेक्ष
चाहे हो अमेरिका , चाहे ईरान
मापन उसका सब जगह समान
यही है उसका धर्म - ईमान।

अभियंता का जुनून
धरती, आकाश और सागर
देखते ही देखते उसने
सब जगह बना ली डगर
वास्तविकताएं उससे
छुप नहीं सकती पल भर
यहीं से वह बन जाता
एक मशीन भर
चेतना में शामिल
हो जाती है दक्षता हर

खाना ,पीना ,रहना
इनसे ना कोई परहेज
पहाड़- मैदान, समुद्र
बन जाता है उसका घर
शाकाहारी , मांसाहारी जो
मिल जाए उस पर निर्भर
अभियंता है पूरा वैश्विक
जहां मिले रुचिकर काम
वहीं बन जाता नागरिक
आज अभियंता दिवस है
Mohan Jaipuri Jul 2021
जी करता है आंसूओं का सैलाब छुपाने को
मगर बारिशों को कद्र कहां मेरे जज़्बातों की
गर नहला‌ देती मुझको ये अपनी मुसलाधार में
मेरे‌‌ अश्कों को‌ भी‌ मिल जाती मंजिल मुरादों की।।
Mohan Jaipuri Oct 2021
दोस्त वह जो दिल को जाने
रिश्ता वह जिसकी अनुपस्थिति
को दिल कभी ना माने।।
202 · Jul 2021
सौदागर
Mohan Jaipuri Jul 2021
अब मैं उन हवाओं का सौदागर हूं
जो बीते मौसम साथ लाती हैं

घर ,खेत, बाग-बगीचे तो क्या अब
बाजारों की रौनकें भी रास नहीं आती हैं

तुझसे बिछड़ कर ही यह जाना
नजदीकियां कितना दुख पहुंचाती हैं

दिन की रोशनी अब तेरा अक्स नहीं
रातें भी डायन बन‌ कर बहुत डराती‌ हैं

भूल गए दुनिया वाले तेरी जो बातें
मुझे वो ही बातें हर पल याद आती हैं।।
197 · Feb 6
एक अटेची
आज एक अटेची खोली
अटेची छोटी , बात बड़ी
एक ड्राइवर की समझ की
यह बन गई सुनहरी कड़ी।।
194 · Nov 2024
Neend
Mohan Jaipuri Nov 2024
Mere sawalo ka jawab ** tum
Kya gham ha ki ek khwab ** tum
Neend gahari to sapne kam fir bhi
Neend yaad vahi jis sapne me thi tum
192 · Nov 2023
मयकदा
Mohan Jaipuri Nov 2023
जादूई अदाएं तेरी
जिन पर मैं फ़िदा
मैं बहका रिन्द सा
तू है  मयकदा।।
189 · Mar 2021
फोग
Mohan Jaipuri Mar 2021
बसंत की आभा है न्यारी
जहां फलती वनस्पति बिन तोय
'फोग' जैसा मरूधर योगी
इस मौसम फलित होय।।
188 · Jan 2024
नटखट
Mohan Jaipuri Jan 2024
बच्चे नटखट कार्य से
बुजुर्ग नटखट दिल से
बात दोनों एक ही है बस
बच्चों के बाल आने वाले
बुजुर्गो के जाने वाले।।
188 · Aug 2024
आज राखी है
Mohan Jaipuri Aug 2024
आज राखी है
बहन - भाई के अटूट
स्नेह की साक्षी है।

भाई रक्षा सूत्र बंधवाकर
बहन को रक्षा का संकल्प देता है
यह रस्म पीढ़ियों से
चलती आ रही है ।

घर से बाहर निकाल कर
शायद भाई यह संकल्प भूल जाते हैं
तभी कार्यालय हो, सफर हो ,
या हो अस्पताल बहनें लूटी जाती हैं ।

उसने भी बांधी होगी
किसी को राखी, दिया होगा संकल्प
फिर भी खत्म कर दिया गया
उसके जीने का हर विकल्प ।

कोलकाता, मेरठ या हो जोधपुर
हर जगह राखी तोड़ी गई
एक बहन की गर्दन
नृशंस रूप से मरोड़ी गई ।

आज हर एक राखी
रो कर कह रही होगी
बंद करो यह उपहास
नहीं होता रक्षा संकल्प पर विश्वास ।

राखी में भी आज स्वार्थ की बू आती है
सरकारें मुफ्त यात्राएं करवा कर
बहनों के वोट लेती हैं
जब बारी आती इंसाफ की
वही सरकारें एक दूसरे को दोष देती हैं
पर इंसाफ करने से कतराती हैं ।

क्यों राखी के धागों को
अब बदनाम करते हो
मन के धागों को
क्यों नहीं मजबूत करते हो?
187 · Sep 2024
Aurora
Mohan Jaipuri Sep 2024
Life is like Aurora
In dark we see different
Colours of  people around
In  light ( good days)
People see our Aura
Mohan Jaipuri Mar 2019
मैं भारतवर्ष की बेटी हूं
अपने फैसले खुद लेने के लिए
हमेशा से ही‌ तरसती हूं ।
जमाने ने बहुत दिए सितम मुझे
कभी बना कर गांधारी
आजीवन लाद दी मुझ पर
मेरे पति की लाचारी
कभी बना कर द्रोपदी
जुए में दांव पर लगा दी
कभी मोरध्वज राजा की कहानी सुना
आजीवन अयोग्य संग बांध दी
सीता,सावित्री, अनुसूया के नाम पर 
   मैं कितनी ही बार मर मिटी हूं।
अपने फैसले खुद लेने के लिए
हमेशा से ही‌ तरसती हूं ।

सामाजिक परम्पराओं के नाम पर
अनगिनत बार मैं छली गई
जमीन, जायदाद और बराबरी
के अधिकारों से वंचित रखी गई
मैं हूं नदी, न रुकने वाला सफर हूं 
चाहे रास्ते कितने भी पथरिले हों
घिस - घिस कर अनुकूल बनाती गई
फिर भी दुनिया के पत्थर दिलों पर
मेरी बराबरी की बात जंचती ही नही
अब तो जमाने की रफ्तार समझो
‌ बराबरी का अधिकार दे दो
बालिका दिवस के नाम पर ही सही
आज तो दिल से यह वचन दे दो
         हिम्मत है तो संबल दो
         झूठी दिलासाओं से तो पहले ही टूटी‌ हूं
         अपने फैसले खुद लेने के लिए
          हमेशा से ही तरसती हूं।।
182 · May 2024
लिबास
Mohan Jaipuri May 2024
तुलना ना करना कभी
मेरे लिबास के शौक की
मेरे कफ़न से
लिबास मैं  खुद तय करता हूं
कफ़न मेरा दूसरे तय करेंगे।।
Mohan Jaipuri Aug 2019
रसीदी टिकट
एक आत्मकथा
पिंजर
एक व्यथा कथा
कागज ते कैनवास
व्यक्त करती
नारी शक्ति एवं संवेदना
उसकी जन्मशती पर
हमारी भी एक तमन्ना
एक बार फिर से तू
जन्म इसी धरा पर लेना।।
Mohan Jaipuri Sep 2021
सोच बड़ी है गणेश मस्तक
सूक्ष्म परीक्षण हैं छोटी आंखें
सूपकर्ण कहें छांटो अच्छाई
सूंड‌ सुझाये सक्रियता मेरे भाई
समाये हर अच्छाई और बुराई
इतना वृहद उदर हो मेरे भाई ।।
Happy Ganesh chaturthi to HPians
Mohan Jaipuri Mar 2021
सोरम आवै सुवावणी
जद आयो फागण  मेह
डूंगै सासां म्हे पिवां
हिवड़ै भीतर नेह।।
# World poetry day. Promotion of linguistic diversity. Dialect Rajasthani.
173 · Jun 2019
Orgy of June
Mohan Jaipuri Jun 2019
June is going with its devastating heat
Life is difficult in this entire gamut
Skin became dry
So are the eyes
Desert summer is without moist
Heat strokes don't take rest
Some wear turban on head
Others hide it under a hat
Lemonade, bel juice
Give some respite
Cooler , AC don't give cool breeze
Eating and sleeping habits are at seize
Windstorms break leafless trees
It is difficult for pets to even breathe
Whether it is a goat or a small sheep
All lives feel helpless in tolerating
this Sun's long anger
Earth is calling to the god of rain to become now a big game changer.
173 · Apr 2020
Memories
Mohan Jaipuri Apr 2020
She loved like dreams
Left like autumn scenes
172 · Aug 2019
कविता
Mohan Jaipuri Aug 2019
कविता उस कृति का नाम है
जहां सृजन के शब्द उभरते हैं
प्रेरक प्रसंग मिलते हैं
कल्पनाओं के फूल खिलते हैं
प्यार और प्रीत पल्लवित होते हैं
भावनाओं की ऊंची उड़ान
का नाम है कविता।

नित नये विचारों के प्रवाह
का नाम है कविता
आत्मबोध का मार्ग
प्रशस्त करती है कविता
जिसने अपना‌ ली है कविता
वह‌ बन जाता है
एक जीवित शब्द संहिता ।।
Mohan Jaipuri May 2021
परेशानी चाहे कितनी भी हो
मैं अपने कपड़ों की क्रीज टूटने नहीं देता
मेरा बस एक यही हुनर है
जो लोगों को सुकून लेने नहीं देता।।
Mohan Jaipuri Dec 2018
श्यामला देवी के नाम से
वायस-रीगल -लौज के वैभव से
पर्वत चोटियों की चिकनी ढलान से
स्कीयरों के उत्साह से
जो आमंत्रित करता है उल्लास से
उस शहर से हमारी शान है।
जाखू मंदिर के इतिहास से
ब्रिटिश- गोरखाओं के संग्राम से
जो भरा है अद्भुत अतीत गाथाओं से
जो निहारता है ढाई हजार मीटर की हिमशिखा से
उस शहर से हमारी शान है।।
जो जुड़ा है मीटर गेज से
वह लाइन करती अठखेलियां सुरंगों से
जो अछूता है वैश्वीकरण और वाणिज्यकरण से
जिसमें आकर्षण बरकरार है पुरानी दुनिया का
उसी शहर से हमारी शान है।
जहां की हिमाचली टोपी पहचान है
खच्चर यात्रा जहां मशहूर है
लोगों के चेहरे जहां गुलाबी हैं
व्यवहार में सरलता और निश्छलता है
निराश्रित को आश्रय देना जिस की शान है
हिम के फाहे जिसे सजाते हैं
इस शहर को स्वच्छ, स्वस्थ, शिक्षित बनाना हमारा काम है
क्योंकि इस शहर से हमारी शान है।।
Mohan Jaipuri Jul 2022
आज फिर थोड़ा इतरा लेता हूं
यह इतराने का दिन है
जिस दिन बेटी पैदा होती‌ है
उस दिन से  जीवन‌ में
खुशियों की "बीमा‌" हो जाती है।।
Mohan Jaipuri Mar 2021
होली पर चारों ओर चंग हैं
गीतों में जवानी की तरंग है
बुढा या जवान हर कोई नवरंग है
मौसम में भरी अद्भुत उमंग है
      यह तो जाम है जो आज भी अपने ही आयाम है

चांद भी पूरा है
तारों की चमक में तारिकायें
लग रही स्वर्ण घट की सुरा‌ हैं
ऐसे में होली तो बस बहाना है
यह योवन की कुश्ती नूरा है
       यह तो जाम है जो आज भी देता सही पयाम है
कई हृदय तंग हैं

बाहर उमंग, भीतर एक जंग है
जीवन बदरंग है
सिर्फ सपनों में ही रंग है
       यह तो होली का जाम है जहां आशा कायम है
167 · Jan 5
झुमका
झुमका देखूं रे जब - जब किसी
सुन्दरी के कान में
मुझको वो दिन याद आते हैं जब
छूटता था पसीना सोनी की दुकान में 😀।।
166 · Apr 2020
A solidary
Mohan Jaipuri Apr 2020
Water to thirsty
Food to hungry
Light to dark
Love to hate
May change
the fate but
it is not
a usual trait
165 · Dec 2018
एक रवायत
Mohan Jaipuri Dec 2018
दूर तक चलने वाली एक रवायत है तुझ में,
टूटी हुई बेसहारा लोगों की आशाएं हैं तुझ में।
वादियों में गुंजायमान बुलंद आवाज है तुझ में,
सर्दी-गर्मी-वर्षा में न रुकने का संदेश है तुझ में।
कई चाहे और अनचाहे किरदार हैं तुझ में।।
नए फन और कर्तब के जज्बे हैं तुझ में,
लुप्त होती परोपकारिता का अक्ष है तुझ में।
गरीब-अमीर सबके लिए समानता है तुझ में,
कई बस्ती ,कई कस्बे ,कई बाजार हैं तुझ में।
कई चाहे और अनचाहे किरदार हैं तुझ में।।
प्रकृति से अद्भुत जुड़ाव है तुझ में,
कई काफिले कई संसार है तुझ में।
एक ख्वाहिश अभी भी ज्वलंत है तुझ में,
वरना तन्हाई का भाव ना आता मन में।
कई चाहे और अनचाहे किरदार है तुझ में।।
164 · Sep 2024
By chance
Mohan Jaipuri Sep 2024
Some of the by chances
are understandable
Others we don't
Some of them
can be understood
by guidance
others by taunt
Life is itself a by chance
nothing is to flaunt.
163 · Jan 2020
A sprinter
Mohan Jaipuri Jan 2020
Winter ! Winter!
You Made me a sprinter
from bed to the kitchen
Shower seems
a haunted flower
and tap seems as
a whistle blower
163 · Apr 2020
An irony
Mohan Jaipuri Apr 2020
We are in isolation with our mobiles
But we oppose to isolation at homes.
Mohan Jaipuri May 2020
When she is unable
to fight our fate
She practices self hate
But she never sees
fault in her kids
How much irrelevant may
be our deeds & needs
Happy mothers day to HPians.
A mother only sees all good in us and never let us down .
161 · Feb 2022
A hug
Mohan Jaipuri Feb 2022
A hug
The best way to
show emotions,
Control emotions
and to Come
out of emotions.
It has nothing
to do with language,
Caste, creed & gender
It may also be used
to show Love ,
console in sorrow &
for complete surrender.
# hugday
161 · Apr 2024
जाट
Mohan Jaipuri Apr 2024
जाट का‌ नाम जूनून है
जूनून जीना ही कानून ‌है।
160 · Oct 2024
Diwali duty
Mohan Jaipuri Oct 2024
Spreading light
Making Diwali bright
159 · May 2021
धै तेरे की
Mohan Jaipuri May 2021
कभी होती थी सांत्वना थेरेपी
सहारा बन के देते थे प्रेरणा थेरेपी
अब आई है झापड़ थेरेपी
उस पर रोना थेरेपी धै तेरे की।।
Mohan Jaipuri Aug 2022
A common man
with broad vision
Happy with his work
in every season
Often enjoyed
seeing him working
Always starved for
being ready for helping
Shared everything
but said just joking
Helped smilingly but
shown as if done nothing
Pratapnagar is today
deeply shocked
I feel today as if
My blood has dried
and tongue is tied .
# Mohan Karnani
A humble tribute
158 · Sep 2019
Four years of solitude
Mohan Jaipuri Sep 2019
When clouds thunder
and rain pours
It seems as if
you were there
as raining shower
When friends meet
and faces brighten
It seem as if
you were
cherry blossom
When a young person
supports an elder one
It seems as if
you were
an inspiring bun
When a child hides
in a mother's lap
It seems as if
you were safety
trust of that chap
When night comes
and stars glow
It seems as if
you were source
of that hallow
When dawn comes
and red aura spread
It seems as if
it was
your golden head.
When I think
and start writing
It seems as if
you were the
words brimming
That is why until
I am at writing
you can't give a
salute of parting.
Mohan Jaipuri Mar 2023
दिलकश वो और दिलकश शाम
हर मुश्किल में जुबां पर उसका नाम
उसके साथ खड़ा रहने में है मेरी शान
दिन‌ की तो मैं कह नहीं  सकता
हर शाम यह मेरा इजहारे आम
मेरी बीवी ‌ही है मेरी जुबान।।
       😄😄😄😄😄
158 · Jul 2020
A Key
Mohan Jaipuri Jul 2020
Keeping cool is
the basic key to
come to a remedy
Keeping busy is
the basic key to
come out of any
kind of tragedy
157 · Jul 2024
सावन
Mohan Jaipuri Jul 2024
सावन आया रे सखी
पैरों  चिपकी गार
बेलें लिपटी हैं वृक्षों
साजन लिपटी नार।
सावन की झड़ी लगे
चुभे ठंडी बयार
सखी लिख संदेश कोई
अब घर आये भरतार।
जब मोर देखूं नाचते
मन में माचे शौर
झूले पड़े हैं पेड़ों पर
अब तो आ चितचोर।
तीज त्यौंहार आ रहा
सही न जाये दूरी
मेरे हिरदेश तू यों बसे
जैसे मृग कुंडली कस्तूरी।।

गार- गिली मिट्टी
भरतार -पति
Mohan Jaipuri Jan 2024
मद्धम होती सर्दी में
मद्धम-मद्धम रोशनी
बसन्त की आहट से
दिलों में बनने लगी
प्यार‌ वाली चाशनी।।
Mohan Jaipuri Jul 2019
उड़ गए सबके टीन टप्पर
इस मोदी की आंधी में
सही समय पर दे इस्तीफा
दिल जीत लिया राहुल गांधी ने

मोदी - शाह की चतुराई में
अमेठी जीत ली स्मृति ईरानी ने
खोने को अब बचा ही क्या है
यह बात समझ ली भाई ने
सही समय पर दे इस्तीफा
दिल जीत लिया राहुल गांधी ने

कांग्रेस मुक्त भारत ना बना
यह बात जाती है भारत की भलाई में
मोदी जी को यह सम्मान मिल ही गया
2019 को बदल दिया राहुल की विदाई में
स्वच्छ हृदय ,विनम्र स्वभाव,
समय के साथ परिपक्वता ग्रहण कर ली राहुल गांधी ने
सही समय पर दे इस्तीफा
दिल जीत लिया राहुल गांधी ने

नए घोड़े, नए सरदार
अब आएंगे मैदान-ए-जंग में
वक्त का तकाजा है
यहां किसको रहना है एक रंग में
राजनीति हो या समाज
यहां कौन टिका है एक ही ढंग में
सही समय पर दे इस्तीफा
दिल जीत लिया राहुल गांधी ने।
156 · Jan 2021
A pretty fact
Mohan Jaipuri Jan 2021
Moms create
But
Wives mould
Our lives
Mohan Jaipuri May 2019
अगरिया का नमक उत्पादन
बड़ा निष्ठुर है यह रण का आंगन
चाहे हो पानी बांधना
या हो नमक बुहारना
यह काम खूबसूरती से
करती हैं गुजरात की ललना
बदले में पाती हैं
मर कर भी त्रासद भरी दुर्घटना
धड़ तो जल जाती है
पर पड़े पैरों को गाड़ना
कब आयेगा इनका
मजदूर दिवस सुहाना

अब चाय बागानों की सुनो कहानी
जो फिल्मों में दिखे रूहानी
वहां महिलाएं पत्तियां तोड़ती हैं
पर पत्तियां इन की अंगुलियां फोड़ती हैं
आठ घंटे के खड़े काम से
थककर चूर हो जाती हैं
नींद के लिए सुलाई
इनकी संगिनी हो जाती है
काश !इनकी व्यथा सुनने
कोई मजदूर दिवस आ जाये
और कोई राहत इनको दे जाये

नंदूरबार के मिर्ची उद्योग में
दिखती हैं रंग-बिरंगी जनानीयां
इनकी भी कुछ इतर नहीं‌‌ हैं कहानियां
ना‌ जलन की परवाह
ना‌ मिर्ची की धांस
बस एलर्जी बन‌ जाती है
उम्रभर इनके लिए एक फांस
काश! कोई मजदूर दिवस
इनके लिए भी ले जाए
कोई राहत की आस।
156 · Sep 2019
love- theme
Mohan Jaipuri Sep 2019
Flint hits flint
Creates sparks
Those who gives
wings to that spark,
bridges the gap of
light and dark &
Creates poetry
with unsaid remarks,
Creates a rainbow
from shape of themes,
he is no doubt
a lover of dreams.
155 · Feb 2020
The Political Tree
Mohan Jaipuri Feb 2020
The tree of politics
Flourishes
Under the darkness of
Religion,communalism
And racism
While
It is nourished
By the fertilizer of
Hate, division
And hooliganism.
155 · Nov 2023
Hypnotised
Mohan Jaipuri Nov 2023
You are a magician
Who wears black
Broad smile hypnotized
now I can't escape
155 · Apr 2019
If a parrot were a man
Mohan Jaipuri Apr 2019
Every morning in my backyard
There been many parrots on a tree
They wake up me by their tweet
This makes my morning very sweet
When I go out with their birdseed
They start making noise
and hovering around
But none of them come down
alone to feed on birdseed
Instead they come together
to get on feed
This makes me feel ashamed of men
who have so narrow and selfish wit
And take away everything
without care for others a bit
155 · Mar 2020
Action & reaction
Mohan Jaipuri Mar 2020
Nature is supreme
It was tampered a lot
We exploited it
Without giving a thought
When it came nature's
turn of reaction
We are feeling sad
But it is not like that
The nature is detoxifying our habitat
And telling us our limits are what
It is time to understand
Nature is the mother of all of us
When it teaches us
It is completely calm
And we feel ****
When nature teaches it is calm all over.
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