Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
 
Mohan Jaipuri Jan 2021
काल हमें लील सकता है
हमारी स्मृतियों को नहीं
लोगों के जेहन में हमारी
स्मृतियां ही हमारी
बहुमूल्य थाती हैं।।
269 · Aug 2019
मां है ना
Mohan Jaipuri Aug 2019
वैसे तो अभी वक्त नहीं है
तथ्य और पथ्य जानने का
कुनबा तेरा सशक्त नहीं
मोल है उसका आने का।
एक बात शाश्वत है
जोखिम तभी लो
जब हो कुछ पाने का
तपे हुए सोने पर से विश्वास
ना कभी डिगाने का।
नतीजे जो भी हो
सीख मिलेगी‌ बढने की
खुश किस्मत होते हैं वो घर
जहां मां के हाथ कुंजी है
तुम्हारी समझ को मानना
यही तुम्हारी पूंजी है।
Mohan Jaipuri Feb 2023
कदमों की आहट सुनते ‌ही
मैं पीछे मुड़ा.......
तू है मेरा साया
मैं अकेला क्यों चला ?
चला भी गया अगर छोड़ तुझे
सफल होने ‌पर भी
मुस्कान पाऊंगा कैसे भला ?
Mohan Jaipuri Feb 2021
आज पैरों में घुंघरू बंधे हैं
और सांसों में है सरगम
मन मयूर यूं नाच रहा है
जैसे लहरा दिया हो परचम
राज बस इतना है
कागज पर लिखते-लिखते
अब पहुंच गया मैं किताब तक
आसमानी कहानियों के संग
पाया अपना मील का पत्थर
अब पहुंच गया मैं बाजार
सोशल मीडिया से निकल कर।।
My first reactions on becoming a co- author in an anthology named"wings of my dreams" with Seraphic Tales.
Mohan Jaipuri Jan 2023
मैं लिखता शायरी
जिससे भरती डायरी
तेरे शब्द नशे की पुड़ियां
जिससे दबती मेरी नाड़ियां
नया साल है रखना ख्याल
कहीं ना बदले मेरी चाल
गर बदल जाये मेरी चाल
फिर तू लिज्यो मुझे संभाल
मेरी जुबां पर है तेरा आलाप
आंखें देखें तुझसे मिलाप।।
261 · Jun 2022
Yoga
Mohan Jaipuri Jun 2022
Yoga for
Adding years to life
And Life to years
Free from fears
And being in
right gears.
256 · Jul 2023
Resolved by friends
Mohan Jaipuri Jul 2023
What can't be solved by the family,
is resolved by friends.

# friendship
Mohan Jaipuri Feb 2023
रात के बारह बजे मेरा दरवाजा खुला
सामने मेरे पिताजी थे
मैं कुछ नहीं बोला
कहने का वक्त कहां मिलता है
जब बदल जाता है चोला
सपने में ही सही मिलकर मन एक बार तो खिला।।
Mohan Jaipuri Apr 2019
छत पर सोते ,तारे गिनते
ध्रुव और सप्त ऋषि देखते
सूरज घूमता है
पृथ्वी स्थिर है
ऐसी बेकार बातें सुनते।

श्रवन की कावड़ का सुनते
लेकिन एक घड़ा पानी को लड़ते
चंदा के उजियारे में रहकर
उसकी ही निंदा करते
तारा टूटे तो हर - हर करते
कितना भयंकर आडंबर सुनते।

बारिश होने पर
बिस्तर ना सूखे बचते
बादल की गर्जन पर
भीमसेन - भीमसेन रटते
सोचो कितना अंधविश्वास में जीते।

गर्मी में पानी कहां था
घी मिल जाता
कोई पानी ना देता
परिंदे भी कहां रहते थे
वो तो प्यासे ही मर जाते थे
या फिर देशांतर गमन करते थे

चादर ना‌ थी ओढने को
बस ऊंटबालों का कंबल चुभता
ना तन पर कमीज होता
जूता तो कोई बिरला पहनता।

दादी मां की कथा में
भूत प्रेत की गाथा सुनते
पूरी जिंदगी झूठा डरते
हार्ट अटैक की मौत को
भूत द्वारा तोड़ा बताते।

पढ़ने को पाठशालाएं कहां थी
कहां औषधालय थे
बस घास - फूस से घाव भरते
कई तो इंफेक्शन से ही मरते ।

ऊंट घोड़ों की सवारी करते
आधे तो पैदल ही चलते
साठ किलोमीटर के सफर में
दो दिन और एक रात लगते ।

अब आदमी परिंदे की तरह उड़ता है
अपना भला-बुरा अच्छी तरह समझता है
अपने घर से ही दफ्तर का काम कर लेता है
विज्ञान के आविष्कारों ने
आकाश - पाताल एक बना दिया है
बंद कमरों में रहकर भी
अब कुछ छुपा नहीं रहता है।

बस अब मनुष्य के पास समय नहीं है
इसलिए सिकुड़ा- सिकुड़ा रहता है
फिर भी बेबस व लाचार नहीं है
अवसर और ज्ञान उसके पास है
इसलिए आज का आदमी खास है।
Mohan Jaipuri Dec 2021
सही मार्ग वही है
जो कहे आपका दिल ।।
पढ़ चाहे थोड़ा कम लेना
दिल से हमेशा बच्चा रहना
अपनों के प्रति सचा रहना
जिंदगी यही सही है
यही है उत्तम मंजिल
अगर कभी भटकने लगे मन भावों में
करना वही जो कहे आपका दिल।

कमाई थोड़ी कम‌ कर लेना
इंसान हमेशा बने रहना
अपनों को समय जरूर देना
व्यवहार यही सही है
कहलाओगे काबिल
अगर कभी भटकने लगे मन लालच में
करना वही जो कहे आपका दिल।

खाना खाना आनंद से
सोना‌ बेफिक्री से
उठना ब्रह्म मुहूर्त में
कर्म योगी वही है
परोपकारी है जिसका दिल
अगर कभी भूलने लगे मन मर्यादा
करना वही जो कहे आपका दिल।।
254 · Jan 2023
ज्ञानदीपक
Mohan Jaipuri Jan 2023
एक लेब , एक पाम
तेरी शान में दो मोती
वफ़ा की मिशाल ये
ऊर्जा तू इनसे पाती
कितना सुन्दर दृश्य होगा
जब जब तू इनसे बतियाती
श्रद्धा तेरी इनमें है
तू इनकी श्रद्धा कहलाती
चमक तेरी आंखों की
तेरी हर बात कह जाती
दुनिया चाहे तेरी छोटी है
तुलसी तेरे आंगन बसती
तेरे ‌शहर की हवा पवित्र
जो तुझको छूकर है आती
सुन्दर सा तेरा जीवन‌ है
ज्ञान‌दीपक बच्चों का कहलाती।।
252 · Apr 2019
Outlandish headgear
Mohan Jaipuri Apr 2019
On the land of God
Starts a great war
For Supremacy of democracy
May there be end of hypocricy
What can be tender than
Crown of flowers
Sword of flowers
Attacks of words
Like that of Shashi Tharoor
If public approve
It will be a landmark move
Let's wait till 23 rd May
Till then our good wishes stay.
Mohan Jaipuri Jan 2019
घर सुना,काया सुनी
सुना लगे जहान।
मां नाम ममता,करूणा,
आशीष और आंचल परवाण।
खुद  सूख  सींचे परिवार,
उसको  कोटि नमस्कार।
विपत्ती में सिर्फ शान्त रह
देवे धैर्य की सीख,
अन्तिम सांस तक नसीहतें दे
ऐसी मां को सलाम।
बच्चे चाहे कैसे भी हों
वो पेश करे उन्हें महान,
लोगों में ऐसे बताये जैसे वो हों कोई सुल्तान।
बच्चों के सारे गुनाह ढकले
ऐसी मां को सलाम।
अगर बच्चे लड़े तो बीच खड़ी हो
जैसे हो आस्था की  दीवार ।
उसका हर शब्द बनता  जैसे एक दृढ लकीर।
जब वो गुस्सा हो रोटी ना खाये,
तो सारे घर में खामोशी छा जाये,
शाम को पूछें क्या हुआ तो बोले
बस थोड़ी तबियत खराब।
फिर वापस सबको खिला - पिला खुश हो जाए
ऐसी मां को सलाम ।
खुद को  जब यमदूत बुलाऐ तो भी
बुझती निगाहें  आशिशें दे,
और ऐसे जताये जैसे कोई जंग जीती हो।
त्याग , समर्पण है जिसका नाम,
ऐसी मां को सलाम।।
Mohan Jaipuri Jan 2022
आ जाओ अब तो धूप सजने लगी
मेरे जज़्बातों को हवा लगने लगी।

कुछ रोज तेरे
इंतजार में कट गये
कुछ सर्दी की
भेंट चढ गये
बीता सर्दी का पहरा ख्वाब फिर सुलगने लगे।

याद‌ तुम्हारी भीनी-भीनी
बसी हृदय ज्यों कस्तूरी
मुस्कान तुम्हारी झिनी- झिनी
करती रोमांचित ‌ज्यों बिजूरी
फ़रवरी की आवक देख मेरे नैना तरसने लगे।

तेरे संग बीता समय
है मेरी सोने की‌ गिन्नी
तेरी बातें रस-रसीली
मेरे जीवन चाय की चिन्नी
फागुन के किस्से सुन, अरमानों से चिलमन हटने लगे।

तेरे आंचल की
महक गुलाब सी
आभा आकर्षक
सरसों खेत सी
देख खेतों के रूप मेले मेरे मन में सजने‌ लगे।।
Mohan Jaipuri Mar 2021
I read to Hello Poetry
My tale of Writery
Two years it took
To get a look
Of six hundred friends
And five fifty poems in hands
Some got trends
Some got likes
Others got none
But it helped end the nights
And encouraged reading habits
Sometimes proved it
communications kites
Beyond the boundary rights
Thereby making globally followed
And feeling the world is one
and certainly world is hallowed
So read some thing today
To our HP and world to help
it in every aspect of cognition
And for your recognition.
It takes a village to raise a child and it takes a child to inspire a village.
   - Emma Mactaggart- The child writes fund
Happy international read to me day to HPians.
Mohan Jaipuri Aug 2021
कुछ तेरी शक्ल पर फिदा
कुछ तेरी अकल पर फिदा
जो बचा वो तेरी अदाओं ने लूटा
देख कैसा‌ है ये मेरा समां अनूठा।।
Mohan Jaipuri Jan 2023
माघ की सर्दी में
कंबल लगे प्यारी
गर्म-गर्म  व्यंजनों
से होती है यारी
पर कमाने के नाम पर
घर छोड़ना भारी।

दिन में धूप गुनगुनी
रात में रजाई
अकेले को रात में
सपने बहुत डराई
जोड़ों को सुबह
देर से आए जगाई।

नहाने का पानी देख
बी पी ही बढ़ जाई
माघ रे माघ तू
खेल दुरुह रचाई
सपने वाले हैं मुश्किल में
हकीकत सोते रह जाई।।
Mohan Jaipuri Aug 2019
पांच अगस्त
दो हजार उन्नीस
सरकार वही
काम उत्साही
भारत जनमानस की
आशा पूरित भयी
बेहतरीन तैयारी
सब पर भारी
मिट गया नासूर
घाटी की फिजा में
आया नया शुरूर
आतंक का मगर सदमे में
आंसू दिखाए किसे
जो थी आवाज
वह पड़े थे घिसे
अब खिसियानी बिल्ली
खंबा नोचे
नया इतिहास
नया नक्शा
एक हुआ झंडा
एक सा डण्डा
नए निवेश की
खुल गयी राह
अब कश्मीरी लौटेंगे
अपने पुरातन गृह
नये चिराग
नये छिनार
करें सुविचार
एक स्वर में बोलें
धन्य हो भारत सरकार।।
Mohan Jaipuri Mar 2023
लड़की का मन समझना मुश्किल है क्योंकि
लड़की भावनाओं की सरिता है
गति और सृजनशीलता को साधने
में लड़की का मन उलझा रहता है।‌।
243 · Feb 2021
जाल
Mohan Jaipuri Feb 2021
मकड़ी बुनती है जाल
उसी में फंसकर रह जाती
निरीह सी तड़पती
फिर भी मुक्त ना हो पाती

मैं बुनता शब्दों का जाल
जिससे ऐसा होता कमाल
प्रेम जाल में बंधकर रहते
फिर घृणा की कहां मजाल ?
# On publication of My IInd anthology " Bad Faith Buddy" today.
Mohan Jaipuri Jul 2022
हरा-हरा कुंदन का हार
जैसे तेरे गले बसे बहार
लंबे-लंबे कुंदन के झुमके
चूमे तेरे चमकते गाल
लब तेरे लगते गुलाब
चंचल आंखें करें कमाल
एक कंधे सजे दुपट्टा
दूजे सिल्की-सिल्की बाल
महकी-महकी तेरी बातें
दिल में भरते रोज नये ख्याल
तेरे ख्यालों की माला पहन
मैं जपता तेरा नाम पल-पल
ओ मेरे‌ रब्बा कर खैर
आज मेरी गली कर सैर।।
243 · Jul 2019
SAWAN
Mohan Jaipuri Jul 2019
Sawan month comes
like an adolescence
Having new life sense
Till yesterday it was dry
Today it is all over wet
Till yesterday it was hot
Today it is all over sweet

Clouds of sawan are
like open hairs of a beauty
Drizzling of sawan is
like pouring out strong emotions
Breeze of sawan is
like acceptance of proposal

Shiva worship in Sawan is
like reciting a love song
Fairs of sawan are
like incarnation
coolness of sawan is
like the purity of first love
Thunders of  sawan are
like excitement for a crush
Beauty of sawan is
like a merryland rush

Everything seems new
Sawan is the name of newness
Sawan is dear to Lord Shiva
immortality is its
Sawan is the raini and meditation month of india's vikram calender. Specially it is the month of regorou worship of lord shiva.
242 · Jul 2022
डायमंड
Mohan Jaipuri Jul 2022
आज‌ उनको देखा
वर्षों से‌ रूका काफिला
लगा जैसे हो चला
बातें तो करते रहते हैं‌
स्पष्ट बात , निर्भीक इरादा
और अंतर्मुखी स्वभाव की
नहीं पायी और कहीं  कला।।

जब जब भी देखता हूं
दिल कहता है‌ डायमंड है
ग्रेनाइट को तराश देगा
पानी ‌हुआ‌ तो‌ डूबा।।

लम्बी ‌बातें होती थीं
लम्हें छोटे पड़ते‌ थे
खूबसूरती की बातों ‌पर
बस हम‌ उनको रिझाते‌ थे

कभी‌ चावल कढी की बातें
कभी राजमा का स्वाद
कभी बच्चों के‌ नखरे पर
होता‌ था लम्बा संवाद

अब बच्चे रखते साइड कट
दाढ़ी में लगते रंगरूट
जब उन्होंने ‌बात करवाई
मेरे‌ पसीने बस गये छूट।।
242 · Sep 2020
अभियंता
Mohan Jaipuri Sep 2020
एक अभियंता
होता है ऐसा
सृजनशील
मानव
जो पृथ्वी के
खजाने से
खनिज लेकर
बना सकता है
देव और दानव।।
241 · Feb 2022
झप्पी (Hug)
Mohan Jaipuri Feb 2022
एक झप्पी में चैन मिले
एक झप्पी में नैना सरसे
एक झप्पी में भूलूं‌‌ गम
एक झप्पी में छू लूं अम्बर।

एक झप्पी को तरसे मन
एक झप्पी से‌ खिले तन
कोई ऐसा साथी मिले तो
ले लूं झप्पी भूल आडम्बर।

एक झप्पी से लगे ऐसा
जैसे कि मिल गया हो रब
कभी तो आये ऐसी शब
जिसमें मिल जाये रहबर।।
Mohan Jaipuri Dec 2019
चारों तरफ है राम मंदिर की आवाज
पर आत्मसात हों राम के आदर्श आज
     कई महंत और बाबा शक्ति केंद्र हैं आज
     क्यों फिर भी रावण प्रबल हैं आज
     क्यों दब रही हैं निशक्त: आवाज
     क्यों लुट रही हैं अबला आज
     क्यों हो रहा अन्याय का तांडव आज
     कब आएगा रामराज
चारों तरफ है राम मंदिर की आवाज
पर आत्मसात हो राम के आदर्श आज
     रावण का भी उसूल था
     उसने अपहरण किया था
     फिर भी शील भंग ना किया था
     नाबालिगों को बलात्कार बाद ना मारा था
     देखो कितना विभत्स उन्माद है आज
चारों तरफ है राम मंदिर की आवाज
पर आत्मसात हो राम के आदर्श आज
     जरूरत है मंदिर से पहले
     मानवता को हम पूजें
     बने मानवता के पैरोकार
     अबलाओं पर जुल्म की
     फिर ना उठे कोई चित्कार
     ऐसा बनाओ कोई साज
जिससे आये सदाचार की आवाज
फिर चाहे ना हो राम मंदिर की आवाज
     वरना सदियों तक ना धुलेंगे
     ये मानवता पर जुल्मों के दाग
     अबलाओं पर अत्याचार की आग
     मिट जाएगा विश्वास का राग
मंदिर से पहले अपनाओ राम आदर्श आज
फिर हर हृदय बनेगा राम मंदिर की आवाज।
Mohan Jaipuri Feb 2021
शीत का अंत और बसंत का आगाज
लाया जीवन‌ में नये संगीत का साज
सरसों में अब फूल खिले हैं
भौंरे रहे हैं झूम
होली तक अब रंग खिलेंगे
चाहे नगर या गांव आओ घूम
बिन मदिरा ही मस्ती चढ रही
अब‌ युवा मचायेंगे धूम।।
Mohan Jaipuri Jul 2021
चानू ने चांदी दिलाई
पुरानी‌‌ कहावत जुबां पर आई
"आज चांदी हो गई।"
अब सोने पर नजरें टिक गई
टोक्यो में हमारे
"तमगों की पेट्टी खुल गई"
तीर , तलवार , भाला,शूटिंग
सबकी धार तेज हो‌ गई
आगाज की ही बात होती है
वरना‌ हर‌ दिन के बाद रात होती है।
# Mirabai chanu bagged first silver medal in weightlifting for India in Tokyo Olympic Today.
Mohan Jaipuri Dec 2023
तीन महिने से दर्शन दिये
हमने पूछा क्या हुआ था ?
वह बोली गुस्से में थी
हमने फिर  पूछा
आज क्या हुआ ?
वह बोली आज
मैं तेरे किस्से में थी
धन्य हूं गुस्सा हो
या किस्सा वह
मेरे हिस्से में थी।।
238 · Sep 2020
ठंडी बयार
Mohan Jaipuri Sep 2020
जब सहता है जीवन रिश्तों की धूप
बेटी आती तब बनकर ठंडी बयार

घिर जाये जीवन कभी किसी व्याधि से
हर कोई देखे निराशा, शंका आदि से
धैर्य और मुस्कान से तब भी
काम लेती बेटी रूपी ठंडी बयार

जमाना हर मोड़ पर ढहाता है कहर सा
मुश्किलें खड़ी हैं मुंह बाये डायन सुरसा
लेकर नाम भगवान का तब भी
हिम्मत देती बेटी रुपी‌ ठंडी बयार

कहता है हर रिश्ता बारंबार
आपके जीवन में भी आएगी बहार
पर मैं कहता हूं वो बेटी का उल्लास
ही है मेरे जीवन की ठंडी बयार
#best wishes of daughters day to all HPians.
Mohan Jaipuri Sep 2021
राजभाषा है हिंदी
राजकाज इसमें होता है कम
राष्ट्रभाषा है हिंदी
पूरे राष्ट्र में‌ बोली यह जाती नहीं
सांस्कृतिक सूत्र है हिंदी
पर आर्थिक आधारित हो गई संस्कृति
पूरे देश‌‌ में‌ फिर भी जीवित है हिंदी
क्योंकि हमारी आत्मा है यह
एक दिन का उत्सव‌ नहीं है हिंदी
हिंदुस्तान की प्रतीक है यह
पढ लो कितने ही शास्त्र
पर विश्व बंधुत्व केवल पढाती है हिंदी
हिमालय सी‌ ऊंची तो गंगा सी‌ मधुर
और रेगिस्तान ‌जैसी सहनशील है हिंदी
लिखते होंगे अंग्रेजी बोलते ‌होंगे आंचलिक
फिर भी हिंदुस्तान के माथे की‌ बिंदी है हिंदी।।
# हिंदी दिवस
Mohan Jaipuri Mar 2021
कविता वक्त का रोचक बखान है
यह हर भाषा की जान है
ऊंची कल्पना की उड़ान है
कवि हृदय का आख्यान है।

          कविता कभी हरित क्रांति
          तो कभी श्वेत क्रांति है
          कभी बूटों की दुखान्तिका
          कभी कोरोना से आतंकिता है।

समय चाहे कैसा भी हो
यह उससे आगे रहती है
दुनिया की हकीकत
कल्पना से ही प्रेरित होती है।

          कविता में बड़ी भाषाएं सागर हैं
          बड़े कवि ज्ञान का पारावार हैं
          छोटी भाषाएं नदियां हैं
          और छोटे कवि उनकी लहरें हैं
          जिन के संगीत सुनहरे हैं।।
# world poetry day. Dedicated to all poets and poetesses of this forum.
237 · May 2021
दिल की लगी
Mohan Jaipuri May 2021
बात यदि गपशप की होती
तुम से बढ़कर कोई नहीं
दिल की लगी कुछ और है
जिसका तोड़ तू‌ कभी नहीं।।
236 · Aug 2021
खूशबू
Mohan Jaipuri Aug 2021

बदन तू खुशबू है
खुशी में फूलों की
महक का खजाना
उदासी में अर्क
बन के रह जाना।।
235 · Jul 2019
Life is like a road
Mohan Jaipuri Jul 2019
Life is like a road
To go through this
It has to pass
Whether it is heavy
Whether it is savvy
Whether it is fast
Whether it is lazy
To go through this
It has to pass.

Don't try stop anyone
But try to guide by a signboard
for being right to everyone
Do not pose hindrance
from first to last
Don't invite boils
for your own chest
Just have to endure
everyone on your shore
To go through this
It has to pass.

Long is the road
More will be barriers
More will be stations
Neither stop at good
Nor at deserted
More is neutrality
More will be naturality
Nothing produce shine
Patience is only mine
Never stay empty
This is the beauty
Welcome to all
This is your role
To go through this
It has to pass .
Mohan Jaipuri Oct 2021
सर्दी लगी अब पैर पसारने
छोटा दिन और लंबी हुई रातें
खाना - पीना गर्म ही लेते
स्वेटर सिरहाने रखकर सोते।।
235 · Aug 2021
मित्रता
Mohan Jaipuri Aug 2021
भूल गया मैं अपने आप को
दुनिया की कसौटी पर खरा
उतरने की कोशिश करते-करते
ये दोस्त ही हैं जो बात-बात पर
मेरी लंगोटी हैं खींचते
और मेरी स्मृतियों की चोटी‌
पकड़ते-पकड़ते मुझ तक
अब भी हैं पहुंचते।।
# Friendship Day in India
Mohan Jaipuri Aug 2024
काला दिन , एकदम स्याह
सवा सौ करोड़ , एक आह
सौ ग्राम षड़यंत्र बना अथाह
कुछ नियती की अपनी राह।

तमगा माटी,हम भी माटी
फिर भी चोट है बहुत खांटी
कालचक्र ने मारी गुलाटी
करोड़ों आशाएं मिल गयी माटी।

कभी -कभी तमगे पर भारी
खिलाड़ी से निकलती चिंगारी
जब युई सुसाकी तुझसे हारी
उन क्षणों पर देश बलिहारी।

अब तमगे का कोई मोल नहीं
जब "विनेश" ही रिंग में नहीं
तमगा छिना है भावनाएं नहीं
"विनेश" को झुठलाने का
कालचक्र में भी दम नहीं।।

# Vinesh Phogat's disqualification from 50 kg free style wrestling final match at Paris Olympic for 100 gm excess weight
234 · Jul 2022
चित्रांकन
Mohan Jaipuri Jul 2022
यह झील लगती है
जैसे तेरा आंचल‌‌ है
शील, संतोष और रचना
का अद्भुत चित्रांकन ‌है।
Mohan Jaipuri Feb 2022
जिसके सुरों पर
भारत हमेशा चहका
आज‌ सुर मौन हुए
भारत है भौंचक्का
सदा‌ नहीं यहां किसी
को इस जहां में रहना
गंगा ‌में‌ जैसे जल बहे
तेरे सुरों की धारा
ना रूकेगी कभी बहना
सुरों की जब भी बात होगी
हर दिल ये जरूर कहेगा
वाह !लताजी का क्या कहना।।
# RIP Lata Mangeshkar
232 · May 2019
मिजाज
Mohan Jaipuri May 2019
तुम्हारे एक संदेश से
हमारी आंखों में हजार जुगनू चमक उठते हैं
इस बेनूर सी लगती दुनिया में
फिर से बहारे चमन खिल उठते हैं
तुम्हारा भी मिजाजे मौसम बिल्कुल अलग है
चोबीस‌ घंटे में आठ राग और
आठ वितराग का सबब है
चुनौती है राग को पहचान कर भुनाने की
और वीतराग को पहचान कर सामंजस्य बनाने की
जो समझ लेता हूं इसको तो सुभाग है
वरना मुझ जैसा कौन अनाड़ी और निर्भाग है।
Mohan Jaipuri May 2022
छूटा छागल
बोतल आई
शीतल जल से
करी भराई
तपती‌  मई
करे  सिकाई
बाहर जाने
की बन आई
एक तू ही बस
मन को भायी।।
Mohan Jaipuri Jul 2019
व्हाट्सएप पर मैसेज पढ़ा
फिर जाना करके ट्रिन
आज नया रोल निभाया
सुखद है आज का दिन
अनन्या एग्जोमी करती है
असम बाढ़ के लिए काम
ना रुपए ,ना गहने
इकट्ठा करती सामान आम
चार किलो कपड़े भेजे
पाया खुशी का मुकाम
मनुष्य वही है
जो मुश्किल को समझे
और झटपट दे अंजाम
थोड़ा सा दूर रख दो
सिर्फ अपने लिए जीना
फिर देखो मुश्किल नहीं
खुशियों को ढूंढना
रोज-रोज नहीं आते
ऐसे कुदरती तूफान
रख लो‌ थोड़ा सा
मानवता का भी ध्यान।
Ananya Axomi (Assamese ladies association) is a womens group is collecting clothes, medicines, soaps, surf, senetary pads, odomos etc for assam flood hit persons at gurgaon.
Mohan Jaipuri Jun 2019
ज्येष्ठ तप रहा जी भर
जीना हो गया दुष्कर
सूखकर त्वचा हो गई खुश्क
आंखों में बचा‌ ना कोई अश्क
मरुधर की गर्मी में
ना उमस का नाम
हवा चले तो लू बन के
लेवे सबकी जान
सिर ओढे कोई गमछा
कोई बैठे टोपी तान
नींबू पानी, बेल शरबत
डाले शरीर में कुछ जान
कूलर एसी निष्प्रभावी हुए
खाना-पीना‌,नींद छू मंतर हुए
जब आंधी का‌ भूचाल आए
तोड़ दे अधमरे पेड़
सारे पशु पक्षी सिसकें
चाहे बकरी हो या भेड़
सूर्य के आर्कोश से
हैं सभी सन्न
धरती कहे इन्द्र से
अब देरी करो ना राजन।
Mohan Jaipuri May 2021
रोहित सरदाना, शूटर दादी और गाजी फकीर
देख-देख हस्तियां मिटते थमे न आंखों नीर
रोगियों की संख्या की अस्पतालों में भरमार
ऑक्सीजन रूपी संजीवनी का लड़खड़ाता भंडार
कोविड के‌ दानव के‌ आगे मानव लगे लाचार
राम और कृष्ण के देश की यह कैसी तकदीर
लगता है कोई धर्म से चूक गई है सीर।।
229 · Mar 2021
झूठ
Mohan Jaipuri Mar 2021
कभी कहा जाता था
झूठ के पांव नहीं होते
परंतु अब तो लगता है
झूठ के पांव भी होते हैं
और झूठ की आवाज भी
अत्यधिक मुखर होती है।

अब झूठ फटाफट बिकती है
और हाथों हाथ ली भी जाती है
झूठ का तंत्र है बड़ा निराला
कोना चाहे हो पूर्व वाला
या फिर सुदूर दक्षिण वाला।
Mohan Jaipuri Feb 2021
कुछ लोग आज 'डेट' पर हैं
कुछ बीवी के राडार पर
कुछ बच्चे हैं, कुछ ज्यादा बड़े हैं
वो वैलेंटाइन से परे हैं
बाकी बचे किस्मत के मारे हैं
वो मधुशाला के द्वार पर
और टूट के कगार पर
जिंदगी की जंग में
जीत उन्हीं की होती है
जिन की डोर है
बीवी के ही हाथ में।।
228 · Feb 2022
A mentor
Mohan Jaipuri Feb 2022
Positivity & Inspiration
Can't be Learnt
Instead
These can only be earned
from the company
of an able mentor.
Mohan Jaipuri Apr 2019
थैंक यू गर्लफ्रेंड"
वाक्य छोटा है
पर असर बड़ा है
आसान लगता है
पर कहना मुश्किल है
जो होंसले के धनी हों
उन्हें ना मुश्किल हो
कनिष्क कटारिया ने
यूपीएससी टॉप किया
यह बड़ी खबर है
परंतु इस सफलता के लिए
"थैंक यू गर्लफ्रेंड "कहना
उससे भी बड़ी खबर है
यह सम्मान है उस किरदार को
जिसे हमेशा साथ रहने पर भी
हमेशा छुपाया जाता है
जो हर पल आप से भी ज्यादा
आपके दिल के पास रहता है
फिर भी एक शुक्रिया का
मोहताज ही रह जाता है
कहने को मुहावरा है
हर सफल पुरुष के पीछे
एक ही स्त्री होती है
परंतु किस में उजागर करने की
अदम्य  शक्ति होती है
धन्यवाद कनिष्क तुमने
उन लाखों स्त्रियों की
कल्पनाओं को सम्मान दिया
जो यह कब से चाहती थीं।
228 · Jun 2021
समय
Mohan Jaipuri Jun 2021
जो लिखता है वह समय
जो पढता वह‌ भी समय
जो देखता है वह भी समय
जो अदृश्य रहकर भी
सब करने में सक्षम
वह भी समय
कई बार हम देखकर
भी कुछ करने में अक्षम
वह है समय का जख्म।
Next page