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इस साल बारिश का मौसम
लेकर आया वैभवशाली रस्म
अनंत राधिका की शादी
देख दांतो में अंगुली डाली
पैसे से सुंदर कुछ नहीं
पैसा लाता हर हरियाली
सबसे बड़ा संदेश देश में
बाप भारतीय दिलवाले
बेटे बेटी की शादी में
लुटाते पैसा हो मतवाले
श्रीनाथजी की कृपा से
दर्शन सुलभ अमीरी वाले
जीओ का रिचार्ज करके
अहसास पाते बाराती वाले।।
Jul 2024 · 57
बारिश
बारिश की बूंदों की टप टप
लगता तू नहा रही छप छप
यह बादलों का गढ़ गड़ शौर
नशा मुझ पर करे घनघोर ।
काले बादल ज्यों तेरी
मदहोश करती जुल्फें
बढा रही हैं मेरी
शामों की उल्फतें।
भीनी धरती की खुशबू
लगता सेज बिछाई है तूने
यादों के इस मंजर में लगता है
तू व्याप्त मौसम की इस रवानी में ।
ऐसे में जब बिजली चमके
होश में लाती मुझको
हसीन यादों से जुदा करके
खंजर घोंपती मुझको।।
Jul 2024 · 53
पाप
अमीर इसी जीवन को जीता है
उसके पाप कोर्ट कचहरी में धुलते हैं
गरीब को यह जीवन तो जीवन लगता नहीं
पिछले पाप धोने गंगा काशी नहाता है।।
Jul 2024 · 129
जनसंख्या
सबको गिनो, संसाधन बिनो
धरती असहाय ,आसमां प्रदूषित
नदियों में नीर की जगह मैला
हाथ बहुत पर इनमें नहीं धेला
ज्यादा दिन नहीं चलेगा यह खेला
जनसंख्या नियंत्रण से देश बचेला।।

#विश्व जनसंख्या दिवस
Jul 2024 · 144
भांडा
जब तक फूटे कर्मों का भांडा
उससे पहले ही उठाओ टांडा।।
      😀😀😀😀😀
भांडा - कारवां या काफिला
Jul 2024 · 52
गुलकंद
गुलाब हो तुम
गुलकंद बनाकर
सौंप दिया घरवालों ने
ठंडी हो गयी अल्हड़ हरकतें
बड़ा जुल्म किया गुलकंद
तेरे रसीले निवालों ने।।
Jun 2024 · 159
चुभती बात
घर हो या रिश्तेदारी चुभती
बातें याद सबको रहती‌‌ हैं
लेकिन ऐसे मामलों में जवाब
सिर्फ वक्त ही दिला सकता है।।
Jun 2024 · 56
आईना
आज उन्नतीस जून है
जीने का वही जूनून है
तुझ बिन बेनूर जिंदगी
ईश्वर तेरा कैसा कानून है।

कभी घबराता था
आत्मविश्वास देख तेरा
आज बन‌ गया‌‌ है देखो
तुम बिन सवेरा यहां अंधेरा।।

आय कम थी
जरूरतें ज्यादा थी
फिर भी विश्वास था क्योंकि
तू हरदम जीत को आमादा थी।

ढलती उम्र के साथ
यादें ज्यादा ताजा हो रही हैं
जीवन का तजूर्बा है
सत्य गांधी,तो आईना कस्तूरबा है।।
Jun 2024 · 63
एक धुन
प्रेम एक धुन है
रम गये तो थम गये
जो पिछड़ गये वो
दुनियां से बिछुड़ गये।
Jun 2024 · 114
मेह
आषाढ  शुरू में बरसा मेह
ज्यों धरा पर उतरा हो नेह
कल-कल कानों में ध्वनि
ज्यों बागों में आई हो सजनी।।

मेह -वर्षा
नेह-प्रेम
Jun 2024 · 109
प्रेम
प्रेम एक अहसास है
जरूरी नहीं जिससे प्रेम हो वह पास है
अकेले काट देते हैं लोग जिंदगी उनके नाम पर
जिनका नाम खुद से जुड़ा रहना ही
उनमें ऊर्जा का वास है।।
Jun 2024 · 118
यादें
अब उन यादों का भी मोल नहीं
वो गलियां और चोबारे भी रहे नहीं
गुजरते हैं उधर से तो तुलसी, केवड़े
की खूशबू नहीं
तेरे कदमों की आहट की भी
अब  वहां कोई आशा नहीं।।

वो तेरा देखकर भी अनदेखा करना
शताब्दी की तरह से गुजरना
चेहरे से ज्यादा तेरी चाल पर मरना
एक बार देखकर पूरे दिन तरोताजा रहना
अब कहां नसीब में है
मिल भी जाओ तो अब वो आंखें कहां।।
Jun 2024 · 39
नखरे
नखरे तो वो जलवा हैं
जिनके बिना ग्लेमर बयां कहां
जो उठाए प्यार में नखरे
उसका प्यार रहे सदा जवां।।
Jun 2024 · 196
योग
आज मैं खुद के इश्क में डूबा हूं
मदहोशी ऐसी छाई है कि
बार-बार पसीने से सना हूं
संभाला होश तो किसी ने
कहा " मैं योग में फना हूं"।।

# Happy International Yoga day
Jun 2024 · 66
गिफ्ट
यह दिल भी अजीब है
गिफ्ट कोई और देता है
पहनकर दिखाने का मन
किसी और को‌ करता है।
बात करनी हो टेढ़ी तो
लिचड़ बोला जाता है
कमीना कह कर भी कभी
डियर बोला जाता है।।
मुस्कुराने के भी कर्ज चुकाने होते हैं
बेगानों से ज्यादा अपने चौकने होते हैं
राज जानने को पूरा वातावरण छान लेते हैं
उन्हे क्या पता
मुस्कुराहट दिलाने वाले मुड़कर नहीं देखते
बस आंखों में तस्वीर दे, शब्दों पर लगाम
लगाकर कभी  के चलते बनते हैं।‌।
Jun 2024 · 160
उसूल
जीवन की वादियों में
पहाड़ सी मुस्किलें
जिनमें खिलते फूल
अपनों की रेल बनाकर
हम हटा सकते हैं हर‌‌ सूल
पहुंच कर गंतव्य बस
भूलें नहीं यह उसूल।।
Jun 2024 · 53
Father's day
हम जो बोते, वही पाते
चाहे पिता हों, या किसान
कभी- कभी कुदरत भी
करती अपना योगदान
पिता होकर सींचिए
मेहनत और संस्कार
उम्मीद रखकर ना चलिए
बाकी भली करे करतार।।

# Father's Day
हम मर मिटने वाले हैं
मर कर भी नहीं मिटेंगे
हवाओं में संगीत हमारे
नगमों पर ही मिलेंगे ।‌।
तू कहीं भी देखे तो मैं दिखूं
मैं देखूं तो दिखे तू
दिल अपना बने आईना
एक हो  अपनी रूह।।
गेम यह ग्लेमर का
बन गया है ऐसा
राजनीति के बाद
दूसरा अच्छा पेशा
नाम के साथ -‌साथ
मिलता अच्छा पैसा।।
कल मेरी नौकरी मुझ पर मुस्काई है
MACP के जरिए एस. ई. वाली
ग्रेड पे (L-19) ले आई है।
ओवरसियर के लिए भर्ती हुआ
अधिशाषी अभियंता बन गया
एस.ई.वाला वित्त लाभ भी
अप्रैल -23 से मिल गया
मां-बाप , सास-ससुर रहे नहीं
अब बताने को तरस गया ।
अजीब विडंबना है जब सुनने वाले हों
तो बताने को कुछ नहीं
बताने को हो तो समझने वाले नहीं।
शायद इसलिए ही कहा जाता‌ है
जिंदगी खट्टी- मिठी है
आज खबर यह मिठी‌ होकर भी
मेरे लिए दांतो के चिपकने जितनी खट्टी है ।।
पहले पड़ती धूप
फिर चलती आंधियां
आंधियों का शोर मिटाने
बारिश आती रे! आंधिया।।
निन्यानवे की खुशी
परिणाम-ए-खुसूसी
इवीएम के शक दूर
जनता को यह खुशी।।
May 2024 · 144
दोस्त
दोस्त वही जो रूह को पढे
खामोशी को साथ ओढ़े
खुशी में कांधे पर चाढे
खाने-पीने में बेतकल्लुफी ओढ़े।।
May 2024 · 70
सरजमीं
देखने को नज़ारे दुनिया में
होंगे बहुत हसीं
रहने को सबसे अच्छी
पूर्वजों की सरजमीं।
जीती लंका राम छोड़कर
वापस लौट आये अयोध्या
तो पूजे जाते हर‌ घर
जो‌ जीतकर बसे परायी जमीं
चर्चित उनके महल, मकबरे
पर‌ झुकता नहीं शीश उस दर।।
May 2024 · 132
चाय
लोग कहते हैं
आज चाय दिवस
ऐसा दिवस तो बताओ
जो बिना चाय हो।
चाय को एक दिन की बता
मेरी तोहीन ना करो
मैं मानव जीवन की
सर्वमान्य मनुहार हूं।
आम और खास
सब समान रूप से
मेरे तलबगार हैं।
गरीब पतीले में उबालता
और मीठे के लालच में पीता
अमीर गर्म पानी में कप में
बिना चीनी डिप-डिप करता
कितना‌ ही पेंतरा बदलो
पीने के लिए सिप- सिप
करवाकर सबको बराबरी
का आभास कराती हूं।
May 2024 · 179
जिंदादिली
जब तक रौनक है विचारों में
ढालते रहिये इन्हें तहरीरों में
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
मत सोचिए लिखा क्या है
हाथ की‌ लकीरों में।।
May 2024 · 80
असफल रहा
आंखों से जाम लिया
होठों पर थाम लिया
उसने फोन काट‌ दिया
ये कैसा‌ सितम किया ?
सपने नहीं पूरे हुए
अधूरे भी कैसे कहें?
उसने तो मुझे पढ़ लिया
मैं  ही असफल रहा।।
May 2024 · 125
Love
Love starts with silence
Persists with surveillance
And ends with violence .
ये फूल नहीं तेरा अक्ष हैं
घर से बाहर तेरा कक्ष हैं
हर ओर तेरी अनुभूति इनका लक्ष्य है
प्यार अपना अक्षय‌ है।।
चांद सी महबूबा पाने के लिए
रात्रि जैसा विशाल और शांत जिगर चाहिए
क्योंकि महबूबा के अंदाज भी चन्द्रकलाओं
की भांति ही बदलते रहते हैं।।
May 2024 · 66
हकीकत
आंख मिल जाने से
कोई मिल नहीं जाता
हां शायर जरूर बना देता
शायरी लिखते-लिखते
जब कभी दीदार हो जाता
लफ्ज़ इतने जहन में बैठ जाते
कि हकीकत हजम‌ नही होता।।
May 2024 · 124
कश्ती
कश्ती चलते - चलते मैली हुई
सोचा किनारों से पूछें कोई हल
देखा किनारों का जब हाल
पाया खुद को इनसे खुशहाल सूरत-ए-हाल।।
May 2024 · 47
मां
तेरी‌ निशानियां नहीं
ये तेरी कुर्बानियां हैं
जीवन के संघर्षों में
मुझ पे मेहरबानियां हैं।।
May 2024 · 127
यारी
यारी वह आरी‌ है
जो‌ बड़ी से बड़ी दु:ख
की रात काट सकती है
जुल्फ वो घटाएं हैं
जो बिन बरसे ही
लताओं का आभास
करा सकती हैं।।
May 2024 · 70
आखातीज
म्हारी आखातीज
घी‌-खीचड़े रो भोग
जे सागै खाटो मिलज्या
रैवां बारों मिनहां निरोग।
खेत में सोनचिड़ी दिखज्या
फोगड़ां गां सीटा
रामजी छांट करदे
सुगन मानां मोटा।
के तो घरै बीनणी आसी
के भरसी कोठ्या मोटा
बारों मिनहां धीणो रैसी
पीसां रो नीं होसी टोटा।।
May 2024 · 61
तन्हाई
मत तन्हाई की बात करो
जरा इस पर‌ भी गौर करो
मयखानो ने बोलने की आजादी दी
आंखें मिलीं तो खामोश हो गया।।
May 2024 · 162
लिबास
तुलना ना करना कभी
मेरे लिबास के शौक की
मेरे कफ़न से
लिबास मैं  खुद तय करता हूं
कफ़न मेरा दूसरे तय करेंगे।।
May 2024 · 62
फिसलना
लोग फिसलते उम्र के हर मोड़ पर हैं
रफ्तार फिसलने की उम्र बढने
पर थोड़ी कम  हो जाती है
दिमाग लगाने को थोड़ा वक्त मिल जाता है।।
May 2024 · 145
प्यास
नदियां ही ठीक रही हैं
हर दौर में मानव जीवन के लिए
मर्यादाएं तय कर सकें तो
बेहतर है प्यास से निपटने के लिए
समुद्र तो खारे होते हैं
मर्यादा का पैगाम जरूर देते हैं।।
May 2024 · 166
सेवियां
मैदे से बनी
घी में भूनी
दूध में पकाई
जोड़ दी चीनी
किशमिश से
रसीली बनी
खायी मैंने
तेरे मुंह पानी ।।
May 2024 · 71
राधा
तारे हैं पूरे, चांद है आधा
उल्लू की आवाजें नींद में बाधा
छत पर ना सोना अकेले
यदि साथ ना हो अपनी राधा।।
May 2024 · 189
धुंध
जिंदगी रोज देती नये गंतव्य
कभी प्यारी लालिमा, कभी कुंद सी धुंध
चलो लिखना आये ना आये
हम भी चलायें शब्द बाण अंधाधुंध।।
कुछ लोगों से यह नहीं पूछा जाता कैसे हो
उनसे मन ही मन पूछा जाता है क्यों हो?
फिर मन ही जवाब दे देता है
जैसे बालों में जुएं, वैसे ही ये मुएं।।
May 2024 · 114
सफर
चलते तो सभी हैं
कुछ पैरों के निशान छोड़ जाते हैं
कुछ रास्ते ही अलग बना जाते हैं
बाकी बचे हुए तो चलते हुए
इनकी चर्चा करते रहते हैं।।
ये उषा की किरणें
ये शीतल हवाएं
यह सूना आकाश
सब मुझे बहकायें
यह चाय का कप
जिसका रंग सुनहरा
अब आ जाओ तुम
थोड़ी आंखों से पिलायें
कहीं यह चाय बन दर्द
प्रकट ना हो जाये
आंखों अश्क पहरा।।
Apr 2024 · 68
चांद
तू चांद‌ है हसीन रातों का
तेरी चांदनी ढक जाती
जब चढ़ता नशा मेरी बातों का
मैं शीशा तेरे जज़्बातों का
खोलता भेद तेरी अदाओं का।।
Apr 2024 · 151
विश्राम
बादलों का ख्याल अच्छा है
गर्मी सहन कर जाने को
तुम भी आ जाया करो कभी ख्यालों में
इस तन्हा सफर में विश्राम देने को।।
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वालों
कभी प्यार का पूर्वानुमान भी लगाया करो
बादल तुम्हें जो‌ सफेद दिखते होंगे
गुलाबी ही‌ गुलाबी नजर आयेंगे।।
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