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Dec 2024 · 204
दस्तक
Mohan Jaipuri Dec 2024
जो होते हुए भी नहीं आते
उनसे मिलने की कसक
जो नहीं रहे हैं वो आज भी
बसे हुए हैं दिलों में बेशक
यह टीस ही हमें बुला लाती है
देने पुराने दरवाजों पे दस्तक।।
Mohan Jaipuri Dec 2024
पढ़ाई करो और शादी करो
बच्चों से फिर वही कराओ
पत्थरों की मूर्ति बनाओ
उनको पूजो और मन्नत मांगो
सच में बड़ा मुश्किल है
नहीं तो फिर जंगल में जाओ
पत्थर भिड़ाओ , आग जलाओ
पत्तों का लंगोट बनाओ
झिंगा ला ला हू हू गाओ
सस्ती मस्ती में घास खाओ
खुद से खूंखार जीव मिले तो
उसका निवाला बन जाओ
ज्ञान पढ़ लिया  हो तो
अपने काम लग जाओ।।
😀😀😀😀😀
Dec 2024 · 56
बेटियां
Mohan Jaipuri Dec 2024
एक बच्ची को‌ कंस ने मारा तो
वह आकाश की बिजली बन गई
वर्षा के समय खौफ पर्याय हो गई
हमने मारी  हैं कोख में लाखों बेटियां
शायद वो सब पाताल भैरवी से लड़ गई
और हमारी वंश वृद्धि सवाल बन गई।।
Mohan Jaipuri Dec 2024
पानी में  पैर डालकर
प्रेमी जोड़े बैठे रहते थे
दूर किनारे बैठकर
हम भी सोचा यह करते थे
पास नहीं तो क्या हुआ
पानी तो एक ही है
रोमांस तो सोच में है
पास वाले तो संकोच में है
उनके जाने के बाद
उन्हीं सीढ़ियों पर कुत्ते
आराम फरमाते थे
देखकर उन कुत्तों को हम
भी युधिष्ठिर बन जाते थे
कहीं झील देखकर आज भी
मन‌ में उन‌ दृश्यों को भूना लेते हैं
और उम्र को झुठला देते हैं।।
Dec 2024 · 77
नायाब
Mohan Jaipuri Dec 2024
ज्योतिषी बन हाथ देखना
वह तो एक बहाना था
कइयों को जलाना था
बनाना एक फ़साना था
गुड़ देख मक्खी की तरह
मुझे भी हाथ चिपकाना था
सहेलियों के कहकहों के बीच
तेरा वह नजाकत से हाथ छुड़ाना
भरता हुआ मेरा जिंदगी भर का
रोमांस का नायाब खजाना था।।
Dec 2024 · 111
संजीदा
Mohan Jaipuri Dec 2024
इश्क हमारा नादान उम्र में भी संजीदा था
पीपल के पेड़ के नीचे कनखियों से देख
मुस्कुराकर कर बस अंगड़ाइयां ले लेते थे
ना उसने कभी कुछ कहा ना हमने
बस बातें आंखें ही आंखों से  कर लेती थी।
अब झुर्रियों में इश्क फरमाना पेचीदा है
बस स्याह काकुलें देख कर
वाह! को आह के अंदाज में कहकर
बंद आंखों से बीता समय महसूस कर लेते हैं ‌।।
Dec 2024 · 137
काला गाऊन
Mohan Jaipuri Dec 2024
काले को सभी कहते काला
न ही किसी ने उधर नजर डाला
तूने जब गाऊन काला डाला
काले को बना दिया उजाला।।
Nov 2024 · 121
कोटर
Mohan Jaipuri Nov 2024
आज एक बार फिर 'डियर'
बोल कर उसने सितम कर दिया
उम्र को धक्का देकर पीछे कर दिया
दिल के महल में एक दिया जला‌ दिया
अंदाज उसका यह हमें भी भा गया
उम्र हमारी भी दिल फेंक वाली नहीं फिर भी
उम्र के इस बरगद में 'प्रेम पंछी' के लिए
कोटर बनाना अब और भी आसान हो गया।।
Mohan Jaipuri Nov 2024
ये मिंगसर की रात
पीली - पीली रोशनी
वर्कशॉप की चाशनी
और प्रोटेक्शन के साथ
चखते ही रह गये
बनी नहीं कोई बात
डाइवर्टर ने पकड़ा दिया
बस सलेक्टर का हाथ ।।
Nov 2024 · 70
मुकाम
Mohan Jaipuri Nov 2024
समय बलवान, करता बड़े काम
बदले तो साल में दे कई मुस्कान
दशकों की उदासी का करके शमन
मुकम्मल कर दे फिर से वही मुकाम
जहां खड़े होते थे यों ही सीना तान ।।
Nov 2024 · 88
चेहरे
Mohan Jaipuri Nov 2024
चेहरे भी समां के मोहताज हैं
खिल गये तो आज पर नाज है।
Nov 2024 · 120
धैर्य
Mohan Jaipuri Nov 2024
सूखे बांधों में चलकर देखो
उजड़ना क्या होता है?
फिर से आबाद पर समझो
धैर्य क्या होता है ?
Mohan Jaipuri Nov 2024
वक्त ऐसे भी कुछ आते हैं
लगता है फिर से खुल गई
कोई बार - बार पढ़ी हुई किताब
सितारों से खिल रहा आसमां
चहल-पहल युक्त है चंचल रैना
और खलल डाल रहा महताब।।
Nov 2024 · 209
मुलाकात
Mohan Jaipuri Nov 2024
कभी होता था चलते -चलते
बस यूं ही सरे राह मिल गये
अब तो मुश्किल से मिल पाते
आनंद बस इस बात में आता है
जैसे थे वैसे ही मिल गये।।
Mohan Jaipuri Nov 2024
नोकरी, छोकरी और शायरी
दो समय तो ये हर बार निखार पाते।
इसमें कभी भी पारंगत नहीं हो सकते
हमेशा ये सुधार की गुंजाइश ही रखते।
लफ्ज़ यहां बहुत महत्व रखते
बिगड़े लफ्ज़ तो ये नहीं बख्शते।
रात दिन का फेर नहीं समझते
जब लगे तलब  तभी जगा लेते।
व्यक्ति जब तक कुछ सोचता
तब तक तो ये मुंह बना लेते।
तीनों ही रत्न ये अद्भुत
एक दूसरे को पुष्ट करते।
Nov 2024 · 68
Key
Mohan Jaipuri Nov 2024
Key
You are sweet as flowers
I follow you like a bee
You are a married
While I am a single
I think this relation
doesn't has a key
Only a good friendship may be.
Nov 2024 · 67
ऐवड़
Mohan Jaipuri Nov 2024
रुनझुन बजती टालियां, टच-टच हांकता ग्वाल
गधे पर छागल लदी, चले अकाल-सुकाल
रेगिस्तान में बस यही रौनक का पर्याय
बरसे या नहीं बरसे मेहनत तो लेते निकाल।।
Nov 2024 · 170
नींद
Mohan Jaipuri Nov 2024
आती है तो ले लेते हैं
सर्दी का थोड़ा आनंद ले लेते हैं।
काली नागिन सी रातों को
तेरे सहारे ही काट लेते हैं।
सुबह चांदी सा कोहरा देख
तेरे आगोश में  सिमट जाते हैं।
जिनको नहीं आती तुम
वो जिंदगी से मुंह मोड़ लेते हैं।
Nov 2024 · 77
इकबाल
Mohan Jaipuri Nov 2024
जिनका हो इकबाल
पीछे चलता ऐतबार
जिंदगी में परखा यह
एक नहीं सौ बार।।
Nov 2024 · 95
Admissibility
Mohan Jaipuri Nov 2024
Those who have their admissibility
The trust follows them
Not once but a hundred times
I have tested the same
Nov 2024 · 114
Neend
Mohan Jaipuri Nov 2024
Mere sawalo ka jawab ** tum
Kya gham ha ki ek khwab ** tum
Neend gahari to sapne kam fir bhi
Neend yaad vahi jis sapne me thi tum
Nov 2024 · 62
दर्पण
Mohan Jaipuri Nov 2024
राब्ता इस तरह रहा तुझसे
टोका वक्त की बंदिशों ने
समझा तूने अनकहे ही तो
दामन को दर्पण बनाया मैंने।।
Nov 2024 · 64
काम
Mohan Jaipuri Nov 2024
काम करना तो वही है
जो करते हैं हम शौक से
बाकी तो बस चलता है
जिम्मेदारियों के खौफ से।।
- मोहन सरदारशहरी
Mohan Jaipuri Nov 2024
जिनका काम बोलने लगता है
उनको फिर कौन तोल सकता है।।
Nov 2024 · 76
मुस्कान
Mohan Jaipuri Nov 2024
जिंदगी तो लगती मुझको एक खता
तेरी एक मुस्कान ही है इससे जुदा।।
- मोहन सरदारशहरी
Nov 2024 · 74
साथ
Mohan Jaipuri Nov 2024
दिल मिले,जज़्बात निकले
चेहरे खिलते ही साथ चले।।
Mohan Jaipuri Nov 2024
मिलकर मन हर्षाए
दिन पल में बदल जाए
मन जूगनू बन जाए
और चमक आंखों आए
रिश्ता यह दिल का कहलाए ।।
Mohan Jaipuri Nov 2024
वह इतना ऊंचा देखते हैं
मैंने कोशिश की और ठिठक गया
उन जैसा कुछ कर ना सका
यादों के भंवर में ही उलझ गया।।
- मोहन सरदारशहरी
Mohan Jaipuri Nov 2024
मौसम तो आते जाते हैं
मौसम की रवानी का क्या कहना
बात पुरानी कहकर देखो
फिर जानो क्या होता‌ है दिल में रहना ।।
Nov 2024 · 58
एक स्केच
Mohan Jaipuri Nov 2024
बन आईना उनको देखता रहा
स्केच भी बनाता रहा
शीर्षक क्या दूं
मसला यह अनसुलझा रहा।।
Nov 2024 · 84
इश्क
Mohan Jaipuri Nov 2024
शायरी मेरी मेहबूबा
इश्क इसका ले डूबा
चढ़ा के चाय भूल जाऊं
चाय और पतीला दोनों जलाऊं
खुद को ठन ठन पाल पाऊं।।
     😀😀😀😀
Happy Diwali Helloians
Oct 2024 · 139
Diwali duty
Mohan Jaipuri Oct 2024
Spreading light
Making Diwali bright
Mohan Jaipuri Oct 2024
एक दीप जो आज ही के‌
दिन बुझ गया  था
बुझने से पहले गौरवशाली गाथाओं
के दीप कई जला गया था।।
      नमन 🙏🙏
Mohan Jaipuri Oct 2024
पड़े -पड़े पत्थर भारी हो जाता है
इंसान तो इंसान  है कुत्ता भी
अपनी गली में शेर हो जाता है।।
Oct 2024 · 72
लहटूरा
Mohan Jaipuri Oct 2024
अमरा तो म्हे मरता देख्या , भाजत देख्या शूरा
आगे से‌ पिछा भला , नांव भला लहटूरा।।

Meaning : The person with name Amra( immortal) was seen dead, the person with name Shura ( brave) was seen running away in fear so it is clear that past was better than future and the name Lahtura was ok.
Oct 2024 · 60
वजूद
Mohan Jaipuri Oct 2024
वजूद कितना भी हसीन हो
किरदार बाजी ले जाता है
बरसता मेघ करता मदहोश
इन्द्र धनुष से हार जाता है।
Oct 2024 · 170
एक तिकड़ी
Mohan Jaipuri Oct 2024
एक तिकड़ी मंजी हुई
परवाह जिसको नहीं कोई
पत्तियों के खेल में मग्न
चेले  करते रांधा-पोई
अफसर तो फिर भी आये
ठाठ वैसे कहीं ना जोई
ठाकुर ठगाये वही कहलाए
कहावत यह सार्थक होई।।
Mohan Jaipuri Oct 2024
अजीब शख्स था‌ वो‌
ज़माने से दूर था वो
निगाहें दोड़ाई हमने
नजर आया उस जैसा
फिर कहीं नहीं
दुनिया में बेमेल सा
हां वह 'मुण्डेल' था।।
Oct 2024 · 61
Count down (Day100)
Mohan Jaipuri Oct 2024
अब बता ही देते हैं दास्तां
आज नहीं तो फिर कौन सुनेगा
बंद हो गई हवेली तो रहने कौन आयेगा
आ भी गया तो बातें भूतों की बनायेगा ।
Oct 2024 · 132
घटनाएं
Mohan Jaipuri Oct 2024
एक घटना मोती,एक घटना हम
घटना में से घटना है निकलती
रेल जब चलती ट्रेफिक जाता थम
जुल्फें तू लहराये,फिसल जाते हम।।
Oct 2024 · 66
X
Mohan Jaipuri Oct 2024
X
Blue bird to Black X
Twitter owes to Elen Musk
Tweets are now  posts
But same are the tastes.
Oct 2024 · 81
चिराग
Mohan Jaipuri Oct 2024
कुछ चिराग जलते हैं
स्वयं के नूर से
रोशनी उनकी बेखबर होती है
दूसरों के कसूर से।।
Oct 2024 · 75
A chef
Mohan Jaipuri Oct 2024
A Chef can shape
persons bodies
by food qualities
But  a chef can't
shape foodies who
live for quantities
Oct 2024 · 108
करवाचौथ
Mohan Jaipuri Oct 2024
करवा चौथ नहीं
यह तेरा श्रृंगार
और रूप निखार है
छत पर चढ़ती तेरी
पायल की झंकार है
छलनी में से देखती
आंखों का अंदाज है
अव्वल तो मेरे लिए
तेरे बदन की भीनी
खूशबू  का आगाज है
ज्यों -ज्यों बरस बीते जाएं
खूशबू बढ़ती जाती है
रंग तेरी साड़ी के देख
मेरी रैना इतराती है।
Mohan Jaipuri Oct 2024
चुप्पी में चुप्पी अच्छी नहीं
कोलाहल में कोलाहल
दम्पति में एक बोले तो
जीने में फिर नहीं खलल।।
Mohan Jaipuri Oct 2024
तारे गिननें से नींद नहीं आती
खुशी जब अंदर हो
तभी खूबसूरती भाती
पास में जो है उससे बतिया लो
जानवर ही क्यों ना हो
उससे प्रतिक्रिया आती।।
Mohan Jaipuri Oct 2024
जाना‌ तो कवियों को भी पड़ता है
यह राह वरना बनी रहेगी कैसे?
माना चले जायेंगे कवि भी एक रोज
अंदाज-ए-बयां उनके मिटने से रहे ।।
Oct 2024 · 109
कई रावण
Mohan Jaipuri Oct 2024
कई रावण मुझमें हैं
जिनको जीतना मुश्किल है
मैं खुद उनका मुवक्किल हूं
खुद ही उनका वकील हूं।

भले को भला  कहता हूं
खुद की जब बारी आती
सबको भूल जाता हूं
खुद को आगे रखता हूं।
कई रावण मुझमें हैं...

खतरा देख कर डरता हूं
अन्याय अनदेखा कर देता हूं
बोलने का साहस नहीं होता
चुपचाप सह जाता हूं ।
कई रावण मुझमें हैं...

ज्यादा ‌गई थोड़ी रह गई
मंदोदरी अब रही नहीं
स्वाभिमान की सूर्पनखा के
कारण मुश्किल में पड़ जाता हूं ।
कई रावण मुझमें हैं...
Oct 2024 · 61
बियासी
Mohan Jaipuri Oct 2024
उम्र बियासी आईं
हुनर तरासती
मिल अमिताभ से
यों बतियाती
मैं बदनाम थी
तूने ख्याति दी।

# HBD
Oct 2024 · 37
फासला
Mohan Jaipuri Oct 2024
जिंदगी का फलसफा
बस इतना सा है
काफी अकेला हूं और
अकेला ही काफी हूं
में जितना फासला है।
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