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ऐ उम्र! ढल रही हो तुम
पर कुछ अलग हैं हम
छीन सके अंदाजे बयां
और नजरों का पैनापन
ऐसा तूने भी नहीं पाया
अभी तक कोई फन ।।
माया अंट‌ की
विद्या कंठ की
फिर देश-विदेश
कहीं ना अटकी।
रिश्तों में लिपटी
यह जिंदगी
भरी तिजोरी
कटु वचनोंं की।
2d · 36
Faithful source
Money in a purse
Knowledge in verse
A time tested
foolproof source
4d · 31
Vast dimensions
The creator is great
Infinite are His creations
Feet are earth, head is sky
Vast are His dimensions
4d · 89
Jasnath & Miswak
Govind played in the Braj
So do the leaves in a tree
Jasnath dwells in a Miswak
O Thou!  be all doubt free.
Oct 5 · 37
Skill
Flowers may wilt
Words may be lost
skill never go waste
Guides as a light post.
Mohan Jaipuri Sep 30
लोग जीते हैं अदाओं में
अदाएं जीती हैं तुममें
हुनर तेरी निश्छलताओं का
रंग रोज भरता फिजाओं में।।
Mohan Jaipuri Sep 30
उम्र के साथ सब चश्मे उतर गये
दिखता बहुत दूर, अब मन की आंखों से
क्यों साथ दिखता कोई नहीं ?
पूछता मैं भी नहीं, डरता उम्र के तेवर से।।
Mohan Jaipuri Sep 24
मुक्ति का सोचो
इच्छाएं गायब
स्वयं ही नहीं
कईयों को मिला
दोगे सच्चे सायब।।
Sep 24 · 938
An easy path
Mohan Jaipuri Sep 24
Think of salvation
Desires vanishes
It not only to you
But releases many
Apr 26 · 414
चोपाटी
Mohan Jaipuri Apr 26
पहलगाम हादसे से सहमा‌ है देश
कहीं सहानुभूति तो कहीं है रोष
निकलकर बाहर ढूंढा थोड़ा सूकून
अपनी चोपाटी भी थी भीड़ से महरूम।
Apr 21 · 450
RR Vs LSG IPL
Mohan Jaipuri Apr 21
आर आर रॉयल भ्रम भये
एल एस जी लूटा मैच
जीता क्रेज क्रिकेट का
यही था कल का सच।
अच्छी थी व्यवस्था
अच्छा शाम माहौल
एक तरफ चीयर लीडर्स
एक तरफ हल्ला बोल।
दो-चार फोटो, दो-चार सेल्फी
खरीदो भूगड़ा भी तो लगे जेब हल्की
ज्यों -ज्यों घूमे कैमरा
भीड़ संभाले अपना रोल
दाल-बाटी, चूरमा हवा उचारे बोल।
एस एम एस स्टेडियम
दमके ज्यों दुल्हन नूर
मोबाइल की टॉर्च  "ओन"कर-कर
के लगा भीड़ देख रही कोई हूर।।


Saw the RR Vs LSG match at SMS Stadium Jaipur by going at stadium and expressed the feelings as about the ambience.
Apr 10 · 530
Headgear to Footwear
Mohan Jaipuri Apr 10
She used to adorn me
liike beautiful poems
from Headgear to Footwear
a journey which led us
from scycle to motor
She left the world much younger
but her memories are with me
as warm as a beautiful sweater
यह कुछ ऐसा ही ‌है
जैसे पतझड़ में अनायास
पत्तों की बरसात
बरसात में भीगकर
आती गर्माहट की बात।।
- मेरी पुस्तक " ठाटलिया : कविताओं का पिटारा " से उद्धृत

ठीक उसी प्रकार मनोज कुमार का नाम
और भारत की तस्वीर साथ-साथ जुड़े रहेंगे।
     विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏
Apr 2 · 453
Camera
Sometimes camera becomes
Too small to catch up all.

# Retirement function Er SV Singh
Mar 14 · 316
Holi Haikus
Mohan Jaipuri Mar 14
Roads appear lying coloured gardens
And without any vehicle on them
For today it Holi happens

Some people are hidden in homes
Scared of being painted
But painters may appear from within homes

Cheeks are red & hairs dead
On entering ones own street
Dogs bark and look afraid

Country side people dance on 'Daff's tune'
Jumping as if buttrflies on flowers
Radianting energy under light of moon
Feb 26 · 293
Knowledge hub
Mohan Jaipuri Feb 26
It's better to laugh alone
After reading a book
Than to laugh with a
crowd in a pub
First one makes you
A knowledge hub
Another makes you
a wilful cub.
Feb 23 · 116
Complaints
Mohan Jaipuri Feb 23
Now where are those people
Who care about complaints
Now people speak for complaints
and weigh whether anyone oppeses.
Mohan Jaipuri Feb 23
अब वो लोग कहां हैं जो समझे
कि कोई शिकायत तो नहीं
अब शिकायत वाली बात बोलते हैं
तोलते हैं कि शिकायत आये नहीं।।
Mohan Jaipuri Feb 22
KBC के श्रोताओं में से जिसे
नाम से जानते बासठ प्रतिशत
मेरा फोटो उसके साथ
वाह! कितनी गजब है बात।
चोबीस में थोड़ी हुई मुलाकात
पच्चीस के शुरू में छा गया तात
कुछ लोग रूपये की करते बात
असली सोना तो है औकात।
सदा सरल और सादगी को
हमेशा रखता अपने साथ
ब्यूरोक्रेसी से ज्यादा गणित पर
आज भी आजमाता हाथ।
शेर-ओ-शायरी और गजल
टूट पड़े जो मिले पजल(Puzzle)
रहता मिलकर सबके साथ
नखरे वालों से तंग है हाथ।।
Mohan Jaipuri Feb 19
हे स्वर्ण केशी
लम्बे सफ़र पर
शुरू है पेशी।

भजले राम
सरकारी दफ्तर से
निपटा काम।

सेवा पेंशन
सम्मान से मिलता
अच्छा राशन।

आये धुंधल
उससे पहले ही
देख काबिल।

जीवन तेरा
जो औरों ने सराहा
घर में हारा।
Feb 16 · 103
सियासत
Mohan Jaipuri Feb 16
अपने डांटकर बार- बार लूटते हैं
पराये मीठे बन मौके की नजाकत से
एक तरफ है तमाशा, दूसरी और ड्रामा
सभी वाबस्ता हैं इस सियासत से।।
Mohan Jaipuri Feb 13
मैंने चूम ली वह तस्वीर
जो थी कप एक कॉफी
मुझे ' चुम्बन दिवस ' पर
वह तस्वीर लगी एक ट्रॉफी
सामने वह नहीं ना कभी होगी
नज़रों में बसी उसकी तस्वीर
मेरे वाक्यों को बना रही उसका
जैसे बना लेती है एक 'अपोस्ट्रोफी'।
Mohan Jaipuri Feb 13
Kissing a pic of cup filled with coffee sent by her
On this kiss day is like I have got a good trophy
Though she is not before me & never would be
But  imagine of her face before me makes my sentences of hers as is done by an "apostrophe".
Mohan Jaipuri Feb 11
आ रहे नव पल्लव
जा रही है खिजां
युवाओं के मिलन में
बिक रहे हैं पिज्जा ।।
रोज डे पर गर्व से
तोड़ा एक ग़ुलाब
अदब से थमा दिया
करीब से देख शबाब।
प्रपोज डे के दिन
घंटों किया रियाज
बोलना था मेरी होज्या
पर आड़े आया रिवाज।
चोकलेट डे बटोरा
थोड़ा सा होंसला
थोड़ा हाथ फिसला
मौका हाथ से निकला।
टेडी डे आते-आते
बदली उसकी चाल
एक भालू साथ दिखा
मेरे लिए बचा मलाल।
प्रोमिस डे पर बस
खुद से किया वादा
भारत में काम का नहीं
हरगिज़ यह सौदा।
आ रहे नव पल्लव
जा रही खिजां
युवाओं के साथ मिल
बजावां होली का बाजा।‌।
Mohan Jaipuri Feb 11
आ रहे नव पल्लव
जा रही है खिजां
युवाओं के मिलन में
बिक रहे हैं पिज्जा ।।

Happy Promise day
कमल छोड़ प्रहलाद के आए
     टू स्टार से थ्री स्टार
सरदारशहर के सरोकार
जयपुर चौपड़ आ टकराए।।
शहर में होकर‌ शहर के नजारे
हों तो कोई नई बात नहीं
देखे जब शहर में गांव के नजारे
तो खुद से मुलाकात हुई ।
पीछे फार्म हाउस के नजारे
सामने पार्क में जोड़ों ने
नीम की छड़ियों से
एक-दूसरे पर बरसात की
बरबस ही दिन की गांव
जैसी ही शुरूआत हुई।।
Feb 6 · 207
एक अटेची
आज एक अटेची खोली
अटेची छोटी , बात बड़ी
एक ड्राइवर की समझ की
यह बन गई सुनहरी कड़ी।।
Feb 4 · 163
Retirement Diary
First view from my room on
First floor of my house.
A mixture of Enjoying & Missing

मैं बाद में घर पहुंचा
पहले घर पहुंचा मेरा
पेंशन पेमेंट आदेश
देखकर‌ दिल खुश हुआ
दिल ने दी आशिष।
ब्रेकर लगाने की तरह
RVPN तेरी तत्पर सेवा
धूप, छांव , बरसात की
ड्यूटी का यों मिला है मेवा।
घर मेरा लगता है
जैसे बगीचे में है बसा
ब्रेकर लगने की तोप सलामी
और ट्रांसफॉर्मर के हमिंग को
मन आज बहुत तरसा।।
     🙏🙏🙏🙏
Mohan Jaipuri Jan 26
अब लोगों को याद कहां
गणतंत्र का मतलब
एक झण्डे के नीचे खड़े हैं
हर समानता कलमबद्ध
पूछो‌ अपने पूर्वजों से कभी
यूनियन जैक के करतब।।
Mohan Jaipuri Jan 14
मकर संक्रांति आई
तिल तड़क्या,दिन भड़क्या
पतंग उड़ाई, डफ ढूंढा
फागण के चाव में बिगड़े मुंडा ।
Jan 10 · 158
दीद
Mohan Jaipuri Jan 10
इस कदर तेरे दीद से नाता
और संदेश का फाका है कि
जब तेरे प्रोफाइल से गुजरे तो
बिन कुछ लिखे जा नहीं पाया ।
Jan 9 · 117
पतझड़
जीत हमारी इतनी चर्चित नहीं होती
अगर हार के किस्से यों आम ना होते।
गर बदजुबानी तुम्हारी सामने ना आती
मिलने पर शायद हम यों ना मुस्कुराते ।
पतझड़ यदि‌ कभी नहीं आती
भूल जाते हम भी किसी शाखा पर हैं रहते।।
अब लम्बी कविताओं का वक्त नहीं
ना ही बचे हैं लम्बे रिश्ते
शोसल मिडिया परोसता वासना के  किस्से
घरों में तड़प रहे मां - बाप से फरिश्ते
किताबें कोई छुता नहीं,डिजिटल बोर्ड टंगे दीवार
ज्ञान कोई लेता नहीं , डिग्रियां बिकती सस्ते
शारीरिक श्रम से विश्वास हटा,रोग मिले महंगे
मशीनों के सहारे ही अब कट रहे हैं रस्ते।।
Jan 5 · 175
झुमका
झुमका देखूं रे जब - जब किसी
सुन्दरी के कान में
मुझको वो दिन याद आते हैं जब
छूटता था पसीना सोनी की दुकान में 😀।।
Jan 5 · 113
गर्मी
जो बातें तू कह नहीं पाती
वो तेरी आंखें कह जाती
होठों के शोलों से आती
गर्मी है सर्दी को चिढ़ाती।।🔥
एकजुटता तीस मार्च की
अनौपचारिकता इकतीस  की
बेटे की शादी की यादें हैं चोबीस की।
'तरार' पर बातें करना दिल छू गई युद्धवीर की
सास मेरी ठहरी‌ जो 'तरार' साधासर की।
जूठे हाथ भूलकर हाथ मिलाना झुकककर
संगीता की आत्मीयता यादें है चौबीस की।
पच्चीस पूरी ना कर‌ सकेगा वादा यह के पी का
भाभीजी से मुलाकात कराना बात रही दूर की।।
Dec 2024 · 105
2024
Mohan Jaipuri Dec 2024
Gone is gone
Muscle or bone
Not alone
This is known
Job was zone
Phone was 'On'
2025 will born
On foundation of it with
Appotunities Unknown
Greetings to all
For a merrier hall
Dec 2024 · 117
इन्बोक्स
Mohan Jaipuri Dec 2024
जमाना बेमिसाल , मैसेज हैं कमाल
मोबाइल पर ही समय बीत जाता है
विडियो काल तो सब अनचाही
लालसाओं को पंख लगा जाती है।
तेरे इन्बोक्स में आकर मेरा
फ्लर्ट निकल जाता है
दो घड़ी के लिए ही सही
मेरी दुनिया बदल‌ जाती है ।
यहां कौन किसका है
यह तो वक्त ही बताता है
पर दो पल तेरे इन्बोक्स में
आकर मेरी रूह ताजा हो जाती है ।
गर्म तेरा  मिजाज जो हो
दिल मेरा काम में लग जाता है
गर मिजाज तेरा शायराना हो
अंदाज-ए-बयां मेरा गजल बन जाती है।‌
नजर अंदाज कर दो मुझे तो
मेरा वजूद समझ में आता है
गर दे दो थोड़ा हौंसला
मेरी बांछे खिल जाती है।
Dec 2024 · 105
हाल-ए-दिल
Mohan Jaipuri Dec 2024
ये चहकती चिड़ियां
ये खिलखिलाते फूल
यह मासूम सी बच्ची
चुन रही प्यारे-प्यारे फूल
आड़ में इनकी तेरा
हाल-ए- दिल कबूल
मिल ना पाये तो क्या हुआ
सब देख रहा रसूल ।।
Mohan Jaipuri Dec 2024
मनमोहन सिंह जी मौन हुए
जगत गिना रही उनके काम
कम शब्दों को लेते थे काम
काम ही बन गया था पैगाम
सफल और सच्चे सेवक‌ थे
एक सुर में गा रही अवाम।।
Dec 2024 · 127
झूठ
Mohan Jaipuri Dec 2024
खुशियां झूठ हैं
दर्द अटूट
समझा जिसने
वो गया छूट।।
Mohan Jaipuri Dec 2024
यह दिल और इसमें चाहत के फूल
भेजे जो तुमने सुबह करते हुए भूल
किया है उन्होंने असर कुछ इस तरह
जैसे जख्मों पर लग गई हो दवा माकूल।।
Mohan Jaipuri Dec 2024
पढ़ाई करो और शादी करो
बच्चों से फिर वही कराओ
पत्थरों की मूर्ति बनाओ
उनको पूजो और मन्नत मांगो
सच में बड़ा मुश्किल है
नहीं तो फिर जंगल में जाओ
पत्थर भिड़ाओ , आग जलाओ
पत्तों का लंगोट बनाओ
झिंगा ला ला हू हू गाओ
सस्ती मस्ती में घास खाओ
खुद से खूंखार जीव मिले तो
उसका निवाला बन जाओ
ज्ञान पढ़ लिया  हो तो
अपने काम लग जाओ।।
😀😀😀😀😀
Dec 2024 · 96
बेटियां
Mohan Jaipuri Dec 2024
एक बच्ची को‌ कंस ने मारा तो
वह आकाश की बिजली बन गई
वर्षा के समय खौफ पर्याय हो गई
हमने मारी  हैं कोख में लाखों बेटियां
शायद वो सब पाताल भैरवी से लड़ गई
और हमारी वंश वृद्धि सवाल बन गई।।
Mohan Jaipuri Dec 2024
पानी में  पैर डालकर
प्रेमी जोड़े बैठे रहते थे
दूर किनारे बैठकर
हम भी सोचा यह करते थे
पास नहीं तो क्या हुआ
पानी तो एक ही है
रोमांस तो सोच में है
पास वाले तो संकोच में है
उनके जाने के बाद
उन्हीं सीढ़ियों पर कुत्ते
आराम फरमाते थे
देखकर उन कुत्तों को हम
भी युधिष्ठिर बन जाते थे
कहीं झील देखकर आज भी
मन‌ में उन‌ दृश्यों को भूना लेते हैं
और उम्र को झुठला देते हैं।।
Dec 2024 · 111
नायाब
Mohan Jaipuri Dec 2024
ज्योतिषी बन हाथ देखना
वह तो एक बहाना था
कइयों को जलाना था
बनाना एक फ़साना था
गुड़ देख मक्खी की तरह
मुझे भी हाथ चिपकाना था
सहेलियों के कहकहों के बीच
तेरा वह नजाकत से हाथ छुड़ाना
भरता हुआ मेरा जिंदगी भर का
रोमांस का नायाब खजाना था।।
Dec 2024 · 151
संजीदा
Mohan Jaipuri Dec 2024
इश्क हमारा नादान उम्र में भी संजीदा था
पीपल के पेड़ के नीचे कनखियों से देख
मुस्कुराकर कर बस अंगड़ाइयां ले लेते थे
ना उसने कभी कुछ कहा ना हमने
बस बातें आंखें ही आंखों से  कर लेती थी।
अब झुर्रियों में इश्क फरमाना पेचीदा है
बस स्याह काकुलें देख कर
वाह! को आह के अंदाज में कहकर
बंद आंखों से बीता समय महसूस कर लेते हैं ‌।।
Mohan Jaipuri Nov 2024
ये मिंगसर की रात
पीली - पीली रोशनी
वर्कशॉप की चाशनी
और प्रोटेक्शन के साथ
चखते ही रह गये
बनी नहीं कोई बात
डाइवर्टर ने पकड़ा दिया
बस सलेक्टर का हाथ ।।
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