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अपने डांटकर बार- बार लूटते हैं
पराये मीठे बन मौके की नजाकत से
एक तरफ है तमाशा, दूसरी और ड्रामा
सभी वाबस्ता हैं इस सियासत से।।
हीरा‌ सा दिल देखकर
निकला‌ इश्क मेरा
उम्र ढलती शाम है
सच्चे प्यार सवेरा।।
मैंने चूम ली वह तस्वीर
जो थी कप एक कॉफी
मुझे ' चुम्बन दिवस ' पर
वह तस्वीर लगी एक ट्रॉफी
सामने वह नहीं ना कभी होगी
नज़रों में बसी उसकी तस्वीर
मेरे वाक्यों को बना रही उसका
जैसे बना लेती है एक 'अपोस्ट्रोफी'।
Kissing a pic of cup filled with coffee sent by her
On this kiss day is like I have got a good trophy
Though she is not before me & never would be
But  imagine of her face before me makes my sentences of hers as is done by an "apostrophe".
4d · 83
मकाम
मधुमास की हरियाली
और फूलों की महक
मुझको भूली है वह
याद कर रहा नाहक।
अपना‌-अपना‌ नसीब
किसी को मिले दर्द
ओ बेदर्दी के सबब
और किसी को 'हग'।
भावनाओं को उजागर
करना देख मकाम
तीर निशाने ना लगे
तो बड़े बुरे हैं अंज़ाम।।
आ रहे नव पल्लव
जा रही है खिजां
युवाओं के मिलन में
बिक रहे हैं पिज्जा ।।
रोज डे पर गर्व से
तोड़ा एक ग़ुलाब
अदब से थमा दिया
करीब से देख शबाब।
प्रपोज डे के दिन
घंटों किया रियाज
बोलना था मेरी होज्या
पर आड़े आया रिवाज।
चोकलेट डे बटोरा
थोड़ा सा होंसला
थोड़ा हाथ फिसला
मौका हाथ से निकला।
टेडी डे आते-आते
बदली उसकी चाल
एक भालू साथ दिखा
मेरे लिए बचा मलाल।
प्रोमिस डे पर बस
खुद से किया वादा
भारत में काम का नहीं
हरगिज़ यह सौदा।
आ रहे नव पल्लव
जा रही खिजां
युवाओं के साथ मिल
बजावां होली का बाजा।‌।
आ रहे नव पल्लव
जा रही है खिजां
युवाओं के मिलन में
बिक रहे हैं पिज्जा ।।

Happy Promise day
कमल छोड़ प्रहलाद के आए
     टू स्टार से थ्री स्टार
सरदारशहर के सरोकार
जयपुर चौपड़ आ टकराए।।
दिल्ली चुनाव परिणाम पर कांग्रेस और आप
            के लिए एक मुहावरा
" भाई मरने का मलाल नहीं पर भाभी का नखरा तो उतार दिया"😀।
शहर में होकर‌ शहर के नजारे
हों तो कोई नई बात नहीं
देखे जब शहर में गांव के नजारे
तो खुद से मुलाकात हुई ।
पीछे फार्म हाउस के नजारे
सामने पार्क में जोड़ों ने
नीम की छड़ियों से
एक-दूसरे पर बरसात की
बरबस ही दिन की गांव
जैसी ही शुरूआत हुई।।
Feb 6 · 137
एक अटेची
आज एक अटेची खोली
अटेची छोटी , बात बड़ी
एक ड्राइवर की समझ की
यह बन गई सुनहरी कड़ी।।
Feb 5 · 71
ठिकाने
ठिकाने बदलने से दिल नहीं बदलता
बैठने को वही खाट, रहने के वही ठाट
नये दोस्त बनाना थोड़े मुश्किल है
पुराने चेहरों की दिल देखता है बाट।।
Feb 4 · 98
Retirement Diary
First view from my room on
First floor of my house.
A mixture of Enjoying & Missing

मैं बाद में घर पहुंचा
पहले घर पहुंचा मेरा
पेंशन पेमेंट आदेश
देखकर‌ दिल खुश हुआ
दिल ने दी आशिष।
ब्रेकर लगाने की तरह
RVPN तेरी तत्पर सेवा
धूप, छांव , बरसात की
ड्यूटी का यों मिला है मेवा।
घर मेरा लगता है
जैसे बगीचे में है बसा
ब्रेकर लगने की तोप सलामी
और ट्रांसफॉर्मर के हमिंग को
मन आज बहुत तरसा।।
     🙏🙏🙏🙏
अब लोगों को याद कहां
गणतंत्र का मतलब
एक झण्डे के नीचे खड़े हैं
हर समानता कलमबद्ध
पूछो‌ अपने पूर्वजों से कभी
यूनियन जैक के करतब।।
Jan 24 · 90
भौंरा
आंखों ने जब दावत दी
होठों से दिल जा टकराया
लाली गालों की फूलों सी
महक-ए- बदन ने भौंरा बनाया।।
एक रुद्राक्ष बेचने वाली लग रही
जैसे खुद हो एकमुखी रुद्राक्ष
मिडिया को भी यह भ्रम है
जैसे वही है महाकुंभ का अक्ष।।
गुलाबी फित्ते लिपटा सफेद गुलाब
जैसे बयां करता मिलन की आग
तूने बिन सोचे यों ही भेज दिया
मैं  किस सूरत में लिखूं जवाब।।
मौसम बदल रहा है
धूप शर्मा कर निकल रही है
खाने-पीने, पहनने
की चाहत पनप रही है
पतंगें आकाश को
रंगीन बना रही हैं
तूने जो पतंग उड़ाई
मेरा बचपन लौटा
पार्क हुआ गुलजार
ख्यालों का नहीं टोटा
पल में सदियां जीने में ही
असल जीवन है सिमटा
कहे 'मोहन' सुन बेटा वक्त को
तूने है बड़ा सलीके से लपेटा ।
मकर संक्रांति आई
तिल तड़क्या,दिन भड़क्या
पतंग उड़ाई, डफ ढूंढा
फागण के चाव में बिगड़े मुंडा ।
Jan 12 · 96
खुराक
लिखता हूं, अच्छा लगता है
और लिखता हूं तभी पढ़ता हूं
कोई टिप्पणी करता है, सीख मिलती है
टिप्पणी नहीं करता, सुधार की जरूरत है ।
दस लोग जुड़ते हैं , दस मित्र हैं
ज्यादा संख्या हो अच्छा है
ज्यादा मित्र नहीं होते, प्रशंसक होते हैं
प्रशंसक स्थाई नहीं होते, मित्र स्थाई होते हैं ।
लिखता रहूंगा मित्र हैं, समय है
लिखना मेरी खुराक है
प्रशंसक जुड़ना मुराद है
मुराद पूरी हो ना हो, खुराक से जीवन है।।
Jan 10 · 103
दीद
इस कदर तेरे दीद से नाता
और संदेश का फाका है कि
जब तेरे प्रोफाइल से गुजरे तो
बिन कुछ लिखे जा नहीं पाया ।
Jan 9 · 49
पतझड़
जीत हमारी इतनी चर्चित नहीं होती
अगर हार के किस्से यों आम ना होते।
गर बदजुबानी तुम्हारी सामने ना आती
मिलने पर शायद हम यों ना मुस्कुराते ।
पतझड़ यदि‌ कभी नहीं आती
भूल बैठते हम एक शाख पर हैं रहते।।
अब लम्बी कविताओं का वक्त नहीं
ना ही बचे हैं लम्बे रिश्ते
शोसल मिडिया परोसता वासना के  किस्से
घरों में तड़प रहे मां - बाप से फरिश्ते
किताबें कोई छुता नहीं,डिजिटल बोर्ड टंगे दीवार
ज्ञान कोई लेता नहीं , डिग्रियां बिकती सस्ते
शारीरिक श्रम से विश्वास हटा,रोग मिले महंगे
मशीनों के सहारे ही अब कट रहे हैं रस्ते।।
Jan 5 · 104
झुमका
झुमका देखूं रे जब - जब किसी
सुन्दरी के कान में
मुझको वो दिन याद आते हैं जब
छूटता था पसीना सोनी की दुकान में 😀।।
Jan 5 · 60
गर्मी
जो बातें तू कह नहीं पाती
वो तेरी आंखें कह जाती
होठों के शोलों से आती
गर्मी है सर्दी को चिढ़ाती।।🔥
Jan 4 · 116
अदायें
ये आपकी अदायें
ये अनकही सदायें
हमें बहुत सतायें
ज्यों बादल घिर आयें
हम मयूर होकर भी
नाच ना पायें।।
एकजुटता तीस मार्च की
अनौपचारिकता इकतीस  की
बेटे की शादी की यादें हैं चोबीस की।
'तरार' पर बातें करना दिल छू गई युद्धवीर की
सास मेरी ठहरी‌ जो 'तरार' साधासर की।
जूठे हाथ भूलकर हाथ मिलाना झुकककर
संगीता की आत्मीयता यादें है चौबीस की।
पच्चीस पूरी ना कर‌ सकेगा वादा यह के पी का
भाभीजी से मुलाकात कराना बात रही दूर की।।
Jan 1 · 129
नया साल
सुबह अदरक वाली चाय
नाश्ते में बटर -  टोस्ट
घूमने को मिले बगीचा
वही साल है सच्चा ।
दोपहर में लस्सी मिले
रात को एक गिलास दूध
समाचारों में खेल आगे
वही साल सिरमौर।
सोशल मिडिया की
सिरफुटव्वल का
जीवन में ना हो अमल
कोई तो साथी ऐसा हो
बेझिझक दे दें गुलाब
वही साल बिना मलाल।
कविताओं वाले ठीक हैं
वाह ! वाह! लिख देते हैं
सिलसिला यह जारी रहे
तब हर साल है कमाल।।
Dec 2024 · 35
2024
Gone is gone
Muscle or bone
Not alone
This is known
Job was zone
Phone was 'On'
2025 will born
On foundation of it with
Appotunities Unknown
Greetings to all
For a merrier hall
Dec 2024 · 63
इन्बोक्स
जमाना बेमिसाल , मैसेज हैं कमाल
मोबाइल पर ही समय बीत जाता है
विडियो काल तो सब अनचाही
लालसाओं को पंख लगा जाती है।
तेरे इन्बोक्स में आकर मेरा
फ्लर्ट निकल जाता है
दो घड़ी के लिए ही सही
मेरी दुनिया बदल‌ जाती है ।
यहां कौन किसका है
यह तो वक्त ही बताता है
पर दो पल तेरे इन्बोक्स में
आकर मेरी रूह ताजा हो जाती है ।
गर्म तेरा  मिजाज जो हो
दिल मेरा काम में लग जाता है
गर मिजाज तेरा शायराना हो
अंदाज-ए-बयां मेरा गजल बन जाती है।‌
नजर अंदाज कर दो मुझे तो
मेरा वजूद समझ में आता है
गर दे दो थोड़ा हौंसला
मेरी बांछे खिल जाती है।
Dec 2024 · 54
हाल-ए-दिल
ये चहकती चिड़ियां
ये खिलखिलाते फूल
यह मासूम सी बच्ची
चुन रही प्यारे-प्यारे फूल
आड़ में इनकी तेरा
हाल-ए- दिल कबूल
मिल ना पाये तो क्या हुआ
सब देख रहा रसूल ।।
मनमोहन सिंह जी मौन हुए
जगत गिना रही उनके काम
कम शब्दों को लेते थे काम
काम ही बन गया था पैगाम
सफल और सच्चे सेवक‌ थे
एक सुर में गा रही अवाम।।
Dec 2024 · 117
याद
हर पल तेरी याद सताये
लगता जैसे अब जिया ना‌ जाये
जी तो रहा हूं  इसलिए क्योंकि
जिए बिना तेरी याद कैसे आये ?।
Dec 2024 · 72
झूठ
खुशियां झूठ हैं
दर्द अटूट
समझा जिसने
वो गया छूट।।
Dec 2024 · 139
जुकाम
चलो बुनते हैं कुछ जज़्बात
जुकाम है लगी हुई, होने वाली है रात।
दीवार की ओट में थोड़ी सेंक लेते हैं धूप
जमा हुआ कफ निकल रहा है
सांसों को मिल रही है गर्मागर्म सौगात।
कपड़े लपेटने से सर्दी नहीं जाती
यह तो बस एक दिखावटी सी बात
खाने-पीने से ही अंदर उठती है आग
अंदर की आग से ही दबती शीतल रात।
अंदर की अग्नि होती जब-२ कमजोर
झकझोर देती उम्र करते -२ तहकीकात।
साथी उसको‌ ही जानिए जो ऐसे में
सर्दी को नकारते हुए संभाले हालात
वर्ना यह सर्दी और तारों में डूबीं रात
गिना-गिना के तारे बता देती औकात।।
यह दिल और इसमें चाहत के फूल
भेजे जो तुमने सुबह करते हुए भूल
किया है उन्होंने असर कुछ इस तरह
जैसे जख्मों पर लग गई हो दवा माकूल।।
Dec 2024 · 110
सरदार
बहुत हुए बीते जमाने में
पिछले दो दिनों में शरीक
एक दोस्त के घर जाकर लगा
जिंदगी बदलती है तारीख ।
शहर के कोलाहल से दूर
एक बड़ा मनोरम सा घर
बाग-बगीचे,पेड़, झूले और
फ़व्वारे स्वागत को आतुर।
अन्दर बड़ा सा विशाल कक्ष
जिसकी सुविधाएं अति मोहक
इस में बना गुरु का आसन
कर देता सबका धार्मिक रुख।
ना‌ कोई दिखावा ना अंहकार
बाशिंदे करते एक दूजे से प्यार
मिलकर उनसे यों लगता जैसे
यही है प्राकृतिक सा सदाचार।
घर से सब खुश होकर जायें
कहते हैं यही है हमारा उपहार
साधारण होकर भी कितना खास
निकला मेरा यार जमीनी सरदार।।
Dec 2024 · 194
दस्तक
जो होते हुए भी नहीं आते
उनसे मिलने की कसक
जो नहीं रहे हैं वो आज भी
बसे हुए हैं दिलों में बेशक
यह टीस ही हमें बुला लाती है
देने पुराने दरवाजों पे दस्तक।।
पढ़ाई करो और शादी करो
बच्चों से फिर वही कराओ
पत्थरों की मूर्ति बनाओ
उनको पूजो और मन्नत मांगो
सच में बड़ा मुश्किल है
नहीं तो फिर जंगल में जाओ
पत्थर भिड़ाओ , आग जलाओ
पत्तों का लंगोट बनाओ
झिंगा ला ला हू हू गाओ
सस्ती मस्ती में घास खाओ
खुद से खूंखार जीव मिले तो
उसका निवाला बन जाओ
ज्ञान पढ़ लिया  हो तो
अपने काम लग जाओ।।
😀😀😀😀😀
Dec 2024 · 189
एक गजल
दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना
जैसे हवा से अलग रवानी को रखना।

जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे
मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना।

इशारों में समझाना बहुत कर लिया
चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना।

यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को
बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना।

मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू
शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना।

देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने
होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।।
Dec 2024 · 47
बेटियां
एक बच्ची को‌ कंस ने मारा तो
वह आकाश की बिजली बन गई
वर्षा के समय खौफ पर्याय हो गई
हमने मारी  हैं कोख में लाखों बेटियां
शायद वो सब पाताल भैरवी से लड़ गई
और हमारी वंश वृद्धि सवाल बन गई।।
पानी में  पैर डालकर
प्रेमी जोड़े बैठे रहते थे
दूर किनारे बैठकर
हम भी सोचा यह करते थे
पास नहीं तो क्या हुआ
पानी तो एक ही है
रोमांस तो सोच में है
पास वाले तो संकोच में है
उनके जाने के बाद
उन्हीं सीढ़ियों पर कुत्ते
आराम फरमाते थे
देखकर उन कुत्तों को हम
भी युधिष्ठिर बन जाते थे
कहीं झील देखकर आज भी
मन‌ में उन‌ दृश्यों को भूना लेते हैं
और उम्र को झुठला देते हैं।।
Dec 2024 · 75
नायाब
ज्योतिषी बन हाथ देखना
वह तो एक बहाना था
कइयों को जलाना था
बनाना एक फ़साना था
गुड़ देख मक्खी की तरह
मुझे भी हाथ चिपकाना था
सहेलियों के कहकहों के बीच
तेरा वह नजाकत से हाथ छुड़ाना
भरता हुआ मेरा जिंदगी भर का
रोमांस का नायाब खजाना था।।
Dec 2024 · 107
संजीदा
इश्क हमारा नादान उम्र में भी संजीदा था
पीपल के पेड़ के नीचे कनखियों से देख
मुस्कुराकर कर बस अंगड़ाइयां ले लेते थे
ना उसने कभी कुछ कहा ना हमने
बस बातें आंखें ही आंखों से  कर लेती थी।
अब झुर्रियों में इश्क फरमाना पेचीदा है
बस स्याह काकुलें देख कर
वाह! को आह के अंदाज में कहकर
बंद आंखों से बीता समय महसूस कर लेते हैं ‌।।
Dec 2024 · 130
काला गाऊन
काले को सभी कहते काला
न ही किसी ने उधर नजर डाला
तूने जब गाऊन काला डाला
काले को बना दिया उजाला।।
Nov 2024 · 117
कोटर
आज एक बार फिर 'डियर'
बोल कर उसने सितम कर दिया
उम्र को धक्का देकर पीछे कर दिया
दिल के महल में एक दिया जला‌ दिया
अंदाज उसका यह हमें भी भा गया
उम्र हमारी भी दिल फेंक वाली नहीं फिर भी
उम्र के इस बरगद में 'प्रेम पंछी' के लिए
कोटर बनाना अब और भी आसान हो गया।।
ये मिंगसर की रात
पीली - पीली रोशनी
वर्कशॉप की चाशनी
और प्रोटेक्शन के साथ
चखते ही रह गये
बनी नहीं कोई बात
डाइवर्टर ने पकड़ा दिया
बस सलेक्टर का हाथ ।।
Nov 2024 · 66
मुकाम
समय बलवान, करता बड़े काम
बदले तो साल में दे कई मुस्कान
दशकों की उदासी का करके शमन
मुकम्मल कर दे फिर से वही मुकाम
जहां खड़े होते थे यों ही सीना तान ।।
Nov 2024 · 84
चेहरे
चेहरे भी समां के मोहताज हैं
खिल गये तो आज पर नाज है।
Nov 2024 · 105
धैर्य
सूखे बांधों में चलकर देखो
उजड़ना क्या होता है?
फिर से आबाद पर समझो
धैर्य क्या होता है ?
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