कई रावण मुझमें हैं
जिनको जीतना मुश्किल है
मैं खुद उनका मुवक्किल हूं
खुद ही उनका वकील हूं।
भले को भला कहता हूं
खुद की जब बारी आती
सबको भूल जाता हूं
खुद को आगे रखता हूं।
कई रावण मुझमें हैं...
खतरा देख कर डरता हूं
अन्याय अनदेखा कर देता हूं
बोलने का साहस नहीं होता
चुपचाप सह जाता हूं ।
कई रावण मुझमें हैं...
ज्यादा गई थोड़ी रह गई
मंदोदरी अब रही नहीं
स्वाभिमान की सूर्पनखा के
कारण मुश्किल में पड़ जाता हूं ।
कई रावण मुझमें हैं...