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Mohan Jaipuri Aug 2024
कुछ किताबों का
इतिहास कहीं और का
लिखते - लिखते दौर
हो जाता कहीं और का
पाठक टिप्पणी क्या लिखें
आज शौर है खामोशी का।।
Mohan Jaipuri Aug 2024
यह फूल रूपी चाय का कप
लग गया अगर होंठों से
भूल जायेंगे कि यह कप है
चिपक जायेंगे इससे
समझ कर कि यह लब है।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
मनु भाकर देश की शान
कांस्य से बढ़ाया मान
पेरिस में सुन राष्ट्रगान
शूटिंग पर हम कुर्बान।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
As fast as a tiger
Proverb has no existence
Untill tigers are conserved
Mohan Jaipuri Jul 2024
चीते जैसी फुर्ती की
कल्पना तभी संभव है
जब चीते सलामत रहें।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
Dark is scary
But it catches dream
It is upon you
Which is your theme
Mohan Jaipuri Jul 2024
कोटरों में कबूतर रहते
जिनकी नहीं कोई बोली
अब कोटरों में मानव रहते
हालत उनकी भी वैसी हो ली
पहले सेक्टर वाली कोठियां
फिर आये ऊंचे-ऊंचे फ्लैट
बेरोज़गारी ने धीरे-धीरे
सब कुछ दिया समेट।।
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