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Mohan Jaipuri Jul 2024
तेरी नाइट लैम्प की लाली
और ये लाल सूर्ख तेरे फूल
मिलकर सपने में ही कभी
होगा आंखों से सलाम कूबूल।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
फूलों सा नाजुक दिल‌ तेरा
मोती से साफ जज़्बात
दिन के मिजाज की फ़िक्र क्या
जब तू कराये सुबह का आभास।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
आपराधिक मामलों
के अलावा
न्याय दलीलों में फंसी
अनवरत प्रक्रिया है
सामान्यतया अपनों
या दोस्तों से संवाद
समाप्त होने पर
पैसा देकर वकीलों
के माध्यम से गिले
सिकवे उगलवाने
का तरीका है।
जांच एजेंसियां
इसकी गति और नियती
निर्धारित करती हैं।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
बारिश की बूंदों की टप टप
लगता तू नहा रही छप छप
यह बादलों का गढ़ गड़ शौर
नशा मुझ पर करे घनघोर ।
काले बादल ज्यों तेरी
मदहोश करती जुल्फें
बढा रही हैं मेरी
शामों की उल्फतें।
भीनी धरती की खुशबू
लगता सेज बिछाई है तूने
यादों के इस मंजर में लगता है
तू व्याप्त मौसम की इस रवानी में ।
ऐसे में जब बिजली चमके
होश में लाती मुझको
हसीन यादों से जुदा करके
खंजर घोंपती मुझको।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
अमीर इसी जीवन को जीता है
उसके पाप कोर्ट कचहरी में धुलते हैं
गरीब को यह जीवन तो जीवन लगता नहीं
पिछले पाप धोने गंगा काशी नहाता है।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
सबको गिनो, संसाधन बिनो
धरती असहाय ,आसमां प्रदूषित
नदियों में नीर की जगह मैला
हाथ बहुत पर इनमें नहीं धेला
ज्यादा दिन नहीं चलेगा यह खेला
जनसंख्या नियंत्रण से देश बचेला।।

#विश्व जनसंख्या दिवस
Mohan Jaipuri Jul 2024
गुलाब हो तुम
गुलकंद बनाकर
सौंप दिया घरवालों ने
ठंडी हो गयी अल्हड़ हरकतें
बड़ा जुल्म किया गुलकंद
तेरे रसीले निवालों ने।।
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