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Mohan Jaipuri Jul 2024
अमीर इसी जीवन को जीता है
उसके पाप कोर्ट कचहरी में धुलते हैं
गरीब को यह जीवन तो जीवन लगता नहीं
पिछले पाप धोने गंगा काशी नहाता है।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
सबको गिनो, संसाधन बिनो
धरती असहाय ,आसमां प्रदूषित
नदियों में नीर की जगह मैला
हाथ बहुत पर इनमें नहीं धेला
ज्यादा दिन नहीं चलेगा यह खेला
जनसंख्या नियंत्रण से देश बचेला।।

#विश्व जनसंख्या दिवस
Mohan Jaipuri Jul 2024
गुलाब हो तुम
गुलकंद बनाकर
सौंप दिया घरवालों ने
ठंडी हो गयी अल्हड़ हरकतें
बड़ा जुल्म किया गुलकंद
तेरे रसीले निवालों ने।।
Mohan Jaipuri Jun 2024
आज उन्नतीस जून है
जीने का वही जूनून है
तुझ बिन बेनूर जिंदगी
ईश्वर तेरा कैसा कानून है।

कभी घबराता था
आत्मविश्वास देख तेरा
आज बन‌ गया‌‌ है देखो
तुम बिन सवेरा यहां अंधेरा।।

आय कम थी
जरूरतें ज्यादा थी
फिर भी विश्वास था क्योंकि
तू हरदम जीत को आमादा थी।

ढलती उम्र के साथ
यादें ज्यादा ताजा हो रही हैं
जीवन का तजूर्बा है
सत्य गांधी,तो आईना कस्तूरबा है।।
Mohan Jaipuri Jun 2024
प्रेम एक धुन है
रम गये तो थम गये
जो पिछड़ गये वो
दुनियां से बिछुड़ गये।
Mohan Jaipuri Jun 2024
प्रेम एक अहसास है
जरूरी नहीं जिससे प्रेम हो वह पास है
अकेले काट देते हैं लोग जिंदगी उनके नाम पर
जिनका नाम खुद से जुड़ा रहना ही
उनमें ऊर्जा का वास है।।
Mohan Jaipuri Jun 2024
नखरे तो वो जलवा हैं
जिनके बिना ग्लेमर बयां कहां
जो उठाए प्यार में नखरे
उसका प्यार रहे सदा जवां।।
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