Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
 
Mohan Jaipuri May 2024
तेरी‌ निशानियां नहीं
ये तेरी कुर्बानियां हैं
जीवन के संघर्षों में
मुझ पे मेहरबानियां हैं।।
Mohan Jaipuri May 2024
यारी वह आरी‌ है
जो‌ बड़ी से बड़ी दु:ख
की रात काट सकती है
जुल्फ वो घटाएं हैं
जो बिन बरसे ही
लताओं का आभास
करा सकती हैं।।
Mohan Jaipuri May 2024
म्हारी आखातीज
घी‌-खीचड़े रो भोग
जे सागै खाटो मिलज्या
रैवां बारों मिनहां निरोग।
खेत में सोनचिड़ी दिखज्या
फोगड़ां गां सीटा
रामजी छांट करदे
सुगन मानां मोटा।
के तो घरै बीनणी आसी
के भरसी कोठ्या मोटा
बारों मिनहां धीणो रैसी
पीसां रो नीं होसी टोटा।।
Mohan Jaipuri May 2024
मत तन्हाई की बात करो
जरा इस पर‌ भी गौर करो
मयखानो ने बोलने की आजादी दी
आंखें मिलीं तो खामोश हो गया।।
Mohan Jaipuri May 2024
तुलना ना करना कभी
मेरे लिबास के शौक की
मेरे कफ़न से
लिबास मैं  खुद तय करता हूं
कफ़न मेरा दूसरे तय करेंगे।।
Mohan Jaipuri May 2024
लोग फिसलते उम्र के हर मोड़ पर हैं
रफ्तार फिसलने की उम्र बढने
पर थोड़ी कम  हो जाती है
दिमाग लगाने को थोड़ा वक्त मिल जाता है।।
Mohan Jaipuri May 2024
तारे हैं पूरे, चांद है आधा
उल्लू की आवाजें नींद में बाधा
छत पर ना सोना अकेले
यदि साथ ना हो अपनी राधा।।
Next page