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Mohan Jaipuri May 2024
कुछ लोगों से यह नहीं पूछा जाता कैसे हो
उनसे मन ही मन पूछा जाता है क्यों हो?
फिर मन ही जवाब दे देता है
जैसे बालों में जुएं, वैसे ही ये मुएं।।
Mohan Jaipuri Apr 2024
तू चांद‌ है हसीन रातों का
तेरी चांदनी ढक जाती
जब चढ़ता नशा मेरी बातों का
मैं शीशा तेरे जज़्बातों का
खोलता भेद तेरी अदाओं का।।
Mohan Jaipuri Apr 2024
Mountains are heaven for the summer
Sun on face and clouds on shoulders
Really a beauty for the beholders.
Mohan Jaipuri Apr 2024
जहां तक दृष्टि जाती
वहां तक दिखता कोटा
उसके आगे बादल से लटका
दिखता फिर भी कोटा।
सुनहरी आकाश की उपमा
शायद धारण कर ली कोटा
पढ़ने आते बच्चे यहां
पाल सुनहरी सपना मोटा।
डोरिया की साड़ी प्रसिद्ध
गहनों का रुतबा ऊंचा
सात अजूबों की नकल
बात कहती कूंचा-कूंचा।
रिवर फ्रंट ने चमक बढ़ाई
चंबल हो गई स्थल सुहानी
बीचोंबीच शहर से गुजरती
लगती सौन्दर्य की रानी।।
Mohan Jaipuri Apr 2024
जाट का‌ नाम जूनून है
जूनून जीना ही कानून ‌है।
Mohan Jaipuri Apr 2024
Some pictures take to the flashback
Mohan Jaipuri Apr 2024
Time is more fragrant than flowers.
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