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Mohan Jaipuri Jul 2022
ये फूल, कलम और कागज
बना‌ता हूं इनसे रोज ख्याली दुनियां
रंग तो जिंदगी में तभी है
जब साथ हो दुल्हनियां
जवानी‌ हो तो ठंडा करे
बुढ़ापे ढक ले मजबूरियां।।
Mohan Jaipuri Jun 2022
कभी-कभी मंजिल की
परवाह किए बगैर भी
चलते रहना
अनायास ही कुछ मिल जाए
भाग्य समझ लेना
वरना व्यस्त रहने
को कम ना समझना।।
Mohan Jaipuri Jun 2022
कुछ इस पेड़ की तरह
सदा यों ही बढ़ता रहे
तेरे मेरे प्यार का पौधा
कभी बाधा आए तो झुक जाए
अरुणोदय की लाली फिर भी
हमेशा इसमें नजर आए  ।।
Mohan Jaipuri Jun 2022
किसी की यादें जीने नहीं देती
किसी से मिलने की ख्वाहिशें
सुकून से मरने नहीं देती
यही है जिंदगी जहां तुझे तेरी
हस्ती याद ही नहीं रहती ।।
Mohan Jaipuri Jun 2022
मौसम आज सुहाना है
टपकती बूंदों के बीच
सुरमई उद्यान मेरा ठिकाना है
बाहर बूंदों की टिप-टिप
अंदर दर्द विरहाना है
ऐसे में तेरे आने का संदेशा
रोमांच का खजाना है
तेरी एक झलक पर ही
छलक जाना आज पैमाना है।।
Mohan Jaipuri Jun 2022
आप ही नाम
आप ही धाम
आप ही सुबह
आप ही शाम
          आप पिता हैं।

आप ही मर्यादा
आप ही धर्म
आप ही समाज
आप ही आवाज
          आप पिता हैं।

आप ही अंदर
आप ही बाहर
आप ही हुनर
आप ही समुंदर
        आप पिता हैं।

आप ही ध्यान
आप ही ज्ञान
आप ही प्रमाण
आप ही महान
       आप पिता हैं।।
Mohan Jaipuri Jun 2022
अध्यात्म के गांधी का ही
दूसरा नाम कबीर है
जिनकी रचनाएं पढ़कर
जागता आज भी जमीर है।।
Kabir Jayanti
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