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Mohan Jaipuri Sep 2021
देशी बाजरे की रोटी
ग्वार फली का साग
मरू भूमि के चोमासे
का अद्भुत उपहार
दही भैंस के दूध का
जिसकी काचरी सी‌ आभा
मिल बैठ खायें- पीयें
तो अच्छी हो शोभा।।
Mohan Jaipuri Aug 2021
सुबह तीन किलोमीटर दौड़ लगाई
कृष्ण जन्माष्टमी प्रभु का ध्यान धराई
आपकी कृपा से हलवा बनाई
पहले आप के भोग लगाई
फिर मेरे पेट की हुई भराई
श्रम पहले फिर चाहे जो खाई
यही आदर्श मेरे समझ में आई।।
Happy Krishna Janmashtami to all HPians
Mohan Jaipuri Aug 2021
यह तीज ना‌ होती तो
तीजणियां‌ ना सजती
तीजणियां ना‌ सजती तो
सावन‌ में बहार तो होती
परन्तु रंग व‌ उमंग ना‌‌ होती
तीज में‌ रंग तीजणियां हैं भरती
दोनों मिलकर श्रृंगार उत्सव‌ रचती।।
Mohan Jaipuri Aug 2021
Friday takes me to spouse
Saturday gives a free hand
Sunday brings plan & complain
Monday back to same lane
Mohan Jaipuri Aug 2021
आज लड़कियां हारी नहीं हैं
बल्कि दब गई इनमें चिंगारी है।

अगले ओलंपिक बनके शोला दहक उठेगीं
तब पड़ने वाली दुनिया पर ये भारी हैं।

जितना तपता सोना है
उतना निखार आता है।

आज नहीं तो क्या हुआ
कल हमें जीतना आता है।

पहुंच सेमीफाइनल मान तो देश का बढा ही दिया
बस पदक जीतना बचा है
ऐसे ही जज्बा बरकरार रहे
अगले ओलंपिक स्वर्ण तमगा पक्का है।

विजेता की तरह आपका
स्वागत वापसी पर पक्का है
पलकों पर बिठाएगा यह देश आपको
इसमें जरा भी नहीं शंका है।।
Mohan Jaipuri Aug 2021
भूल गया मैं अपने आप को
दुनिया की कसौटी पर खरा
उतरने की कोशिश करते-करते
ये दोस्त ही हैं जो बात-बात पर
मेरी लंगोटी हैं खींचते
और मेरी स्मृतियों की चोटी‌
पकड़ते-पकड़ते मुझ तक
अब भी हैं पहुंचते।।
# Friendship Day in India
Mohan Jaipuri Jul 2021
जी करता है आंसूओं का सैलाब छुपाने को
मगर बारिशों को कद्र कहां मेरे जज़्बातों की
गर नहला‌ देती मुझको ये अपनी मुसलाधार में
मेरे‌‌ अश्कों को‌ भी‌ मिल जाती मंजिल मुरादों की।।
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