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Mohan Jaipuri Jul 2021
पीले वस्त्रों में तुम गेंदे का फूल लगती हो
दिलो -दिमाग पर छाने वाला नूर लगती हो
आती होंगी जो हवायें वहां से वो सेंसर होती होंगी
तभी तो हम तुम्हारी तस्वीर देख रहें हैं
वरना शायद हम सुगंध से मदहोश हो गये होते
और तुम्हारे नूर के नगमे गाकर बदनाम हो गये होते।।
Mohan Jaipuri Jul 2021
कभी शायरों की महफिल में खो कर देखो
रंजो गम के दरिया में खुद को डुबोकर देखो
भावनाओं की नाव को बहते हुए देखो
दरिया के उस पार बैठी आशा‌रूपी दुल्हन
उस दुल्हन के घूंघट को कवियों के
शायरीरूपी कर से उठते हुए देखो
तब स्वयं  ही समझ जाओगे
कवि की कल्पना को लेखो-जोखो।
# open mic eve
Mohan Jaipuri Jul 2021
अब मैं उन हवाओं का सौदागर हूं
जो बीते मौसम साथ लाती हैं

घर ,खेत, बाग-बगीचे तो क्या अब
बाजारों की रौनकें भी रास नहीं आती हैं

तुझसे बिछड़ कर ही यह जाना
नजदीकियां कितना दुख पहुंचाती हैं

दिन की रोशनी अब तेरा अक्स नहीं
रातें भी डायन बन‌ कर बहुत डराती‌ हैं

भूल गए दुनिया वाले तेरी जो बातें
मुझे वो ही बातें हर पल याद आती हैं।।
Mohan Jaipuri Jul 2021
आज बादल बरसे हैं
गर्मी के नखरे उतरे हैं
देख धरा का सुर्ख रंग
मन में सतरंगी सपने बरसे हैं
ज्यों ज्यों झड़ी लगती गई
चाहत की अग्नि सुलगती गई
अभी तक बाहर‌ गर्मी थी
अब भीतर सुलगे शोले हैं
कभी ना भ्रमित इनसे होना
तेरे सपनों में‌ कोई‌‌ रंग नहीं
यह प्रकृति के हिचकोले हैं।
Mohan Jaipuri Jul 2021
You may feel as if
a blooming flower
If you have been
able to read
Wife's attitude
properly at home
And Boss's mood
at work place
Home is heaven
if wife is happy
Work place is temple
if boss is at ease
Otherwise praise
may turn into rage.
Mohan Jaipuri Jun 2021
Some days start bad
But end good
Others start good
But end bad
Take them all alike
Only with difference
Some on the carpet
while others should
be laid under it.
Mohan Jaipuri Jun 2021
ना पेट हिलाना योग है
ना व्यायाम करना योग है
ना उपदेश देना योग है
ना गायन वादन योग है
स्वंय को केंद्र में ना रख कर
दूसरों के हित के लिए कार्य योग है।

आज इस योग दिवस पर
कुछ योगियों को सलाम करता हूं
मेरे लिए तो बस यही योग है
इतिहास में कृष्ण कर्म योगी थे
जिन्होंने दुराचार मिटाया
स्वयं का कोई हित नहीं था
दूसरों के हित के लिए युद्ध को भी
दुनिया के उद्धार का मार्ग बनाया।

इस आर्थिक युग में रामदेव योगी है
जिसने योग में स्थित होकर भी
व्यापार का बेड़ा पार लगाया
और मानवता को निराशा से
उबारने का योग को जरिया बनाया व
विश्व में योग नाम फिर से बुलंद कराया।

व्यक्तिगत जीवन में दो योगी‌‌ हैं
जिनसे बार-बार मुखातिब हुआ
एक हैं भीमनाथ जिन्होंने वकालत
को भी समता में जीने का जरिया बनाया
दूसरा भुवनेश कुमार
जिसने नौकरशाह के टैग से हटकर
दोस्ती के धर्म को जीवन का आधार बनाया।

#योग दिवस पर योगियों को सलाम
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