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Mohan Jaipuri May 2021
यों तो हम सभी मिट्टी के खिलौने हैं
जिनके अनिश्चित से ठिकाने हैं
यह बेरहम दुनिया इन खिलौनों
से तरह-तरह से खेलती है
एक पिता ही वह हीरा है
जिसने अपने संस्कार और तालीम
की‌ शिल्पकारी से‌ तुझको
नाज़नीन से बेनजीर बनाया है
बख्शे खुदा जन्नत उनको‌
जिसने तुझे कांच से हीरा‌ बनाया है।।
# RIP Siraj Sir father of Nazneen
# Condolences Nazneen- a budding writer
Mohan Jaipuri May 2021
परेशानी चाहे कितनी भी हो
मैं अपने कपड़ों की क्रीज टूटने नहीं देता
मेरा बस एक यही हुनर है
जो लोगों को सुकून लेने नहीं देता।।
Mohan Jaipuri May 2021
आयी घणी अडीकतां
आ ' होटल' अबकी बार
चोखो नांव कमाईजे
इण 'अमेजण' रै बैजार।।
# publication of my 4th anthology "HOTEL"
Mohan Jaipuri May 2021
खेला तो कई बार होबे
परंतु एक टांग पर प्लास्टर चढ़े
और रणचंडी बन आगे बढ़े
ऐसा मंजर पहली बार होबे
कई टैगोर के लिबास में डूबे
फिर‌ भी चौबे से बन गए दुबे
हाय! ऐसी पिटाई फिर ना होबे।।
# Results of 5 Nos assembly elections in India .# West Bengal TMC victory.
Mohan Jaipuri Apr 2021
कोरोना की जंग में ना करो हृदय तंग
अफवाहें छोड़कर टीके लगवाओ
मन में भरकर त्योंहार जैसी उमंग
कोरोना का नाम तो मिट ही जाए
दुनिया भी देख- देख रह जाये दंग।।
#Had first dose of covishield yesterday. No any kind of problem felt .
Mohan Jaipuri Apr 2021
Our books represent
Our friendship
Our guides
Our character
Our life style
Our passion
Our hope
Our rise
Our collection
And above
all our routine
Be with books
Read books
Write books
Mohan Jaipuri Apr 2021
यूं ही नहीं हैं हम उसकी
यादों के साये में कैद
याद है हमें उसकी हर
मसला‌-ए- जद्दोजहद।।
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