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Mohan Jaipuri Apr 2021
They say
Love has depth
Should we call
Our love the sea
instead of
the moon?
Mohan Jaipuri Apr 2021
I want to be happy
in an environment
Where fear is growing on
while show is going on
Nothing is wrong
But nobody can song
Hospitals are full
But other activities
are silent & dull
Seeing this
I keep lull &
Scratch my
Skull.
Mohan Jaipuri Apr 2021
यह दुनिया ऐसी महफिल है
जहां दूसरे तमाशबीन बनते हैं
अपने भलाई की दुहाई देकर
दामन ही जला डालते हैं।।
Mohan Jaipuri Apr 2021
बन बादली तू आई
स्नेह और उल्लास लेकर

        जब तूने मेरे मार्ग को अख्तियार किया
        तब मैं उपकृत हुआ
        अब ओनर्स से मास्टर डिग्री लेने पर
        मैं सचमुच तर गया

सच में तुमने लिख दिया
फिर मेरा इतिहास नया

        मैं जब भी जागते हुए सपने‌‌ देखता
       तेरी सफलताओं की‌ कामनाओं में खो कर
‌      लोग मुझे अज्ञान कहते
        मरुस्थल में अंगूर उगाने का नाम लेकर

मिट गई कुछ तो पीर मेरी
जब तूने लिखा मेरा इतिहास नया ।।

‌ ‌
# On getting M.Tech. with Honours in Power System Engineering by my daughter.
Mohan Jaipuri Apr 2021
बहुत गीले तुझको भी हैं
मुझको भी हैं मेरी जाना
नहीं रूकता फिर भी दिलों
का एक-दूसरे के लिए तड़पना
अगर गुजरना पड़ा इस बियाबान से
यों ही कभी तन्हा तो भी रूह कहेगी
जरा उसकी गली से होकर लेना।।
Mohan Jaipuri Apr 2021
तीन शब्दों का यह वाक्य
जिसने पिछले तीन‌ दिन से
उड़ा दी थी मेरी नींद
आया है जो कौटिल्य अर्थशास्त्र से
सदियों से होकर प्रवीण
आज भरी जब आय विवरणी तो
पाया नहीं‌‌ कोई‌ कागज इससे विहीन
बातें की‌ और गूगल किया
तो पाया कुछ ऐसा सार
साझा कर रहा हूं सबसे
आप करना इस पर विचार
कोष तो है राजस्व
मूल से मतलब आधार
दण्ड प्रतीक है
राज्य प्रशासन का
जिससे विकास बनता साकार
इस तरह इस वाक्य का मतलब है
"राजस्व राज्य प्रशासन‌ का आधार "
इसलिए बिना डर करें इसका सत्कार
और बनें देश के विकास में भागीदार।।
Mohan Jaipuri Mar 2021
होली पर चारों ओर चंग हैं
गीतों में जवानी की तरंग है
बुढा या जवान हर कोई नवरंग है
मौसम में भरी अद्भुत उमंग है
      यह तो जाम है जो आज भी अपने ही आयाम है

चांद भी पूरा है
तारों की चमक में तारिकायें
लग रही स्वर्ण घट की सुरा‌ हैं
ऐसे में होली तो बस बहाना है
यह योवन की कुश्ती नूरा है
       यह तो जाम है जो आज भी देता सही पयाम है
कई हृदय तंग हैं

बाहर उमंग, भीतर एक जंग है
जीवन बदरंग है
सिर्फ सपनों में ही रंग है
       यह तो होली का जाम है जहां आशा कायम है
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