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Mohan Jaipuri Mar 2021
बसंत की आभा है न्यारी
जहां फलती वनस्पति बिन तोय
'फोग' जैसा मरूधर योगी
इस मौसम फलित होय।।
Mohan Jaipuri Mar 2021
सोरम आवै सुवावणी
जद आयो फागण  मेह
डूंगै सासां म्हे पिवां
हिवड़ै भीतर नेह।।
# World poetry day. Promotion of linguistic diversity. Dialect Rajasthani.
Mohan Jaipuri Mar 2021
कविता वक्त का रोचक बखान है
यह हर भाषा की जान है
ऊंची कल्पना की उड़ान है
कवि हृदय का आख्यान है।

          कविता कभी हरित क्रांति
          तो कभी श्वेत क्रांति है
          कभी बूटों की दुखान्तिका
          कभी कोरोना से आतंकिता है।

समय चाहे कैसा भी हो
यह उससे आगे रहती है
दुनिया की हकीकत
कल्पना से ही प्रेरित होती है।

          कविता में बड़ी भाषाएं सागर हैं
          बड़े कवि ज्ञान का पारावार हैं
          छोटी भाषाएं नदियां हैं
          और छोटे कवि उनकी लहरें हैं
          जिन के संगीत सुनहरे हैं।।
# world poetry day. Dedicated to all poets and poetesses of this forum.
Mohan Jaipuri Mar 2021
Love is a mutual bond
If you share it
It will care
If you take it as flirt
It will blur
And create a red alert.
Mohan Jaipuri Feb 2021
आज पैरों में घुंघरू बंधे हैं
और सांसों में है सरगम
मन मयूर यूं नाच रहा है
जैसे लहरा दिया हो परचम
राज बस इतना है
कागज पर लिखते-लिखते
अब पहुंच गया मैं किताब तक
आसमानी कहानियों के संग
पाया अपना मील का पत्थर
अब पहुंच गया मैं बाजार
सोशल मीडिया से निकल कर।।
My first reactions on becoming a co- author in an anthology named"wings of my dreams" with Seraphic Tales.
Mohan Jaipuri Feb 2021
गांव से कल भाई आया
लाया बिलोने का घी
कुदरत ने पलटी मारी
मुझको लग गई सी
हालात-ए- मौसम देख
मेरा ललचाया जी
बस उठाया कड़छी पलटा
हलवे की मुराद पूरी कर ली।।
Mohan Jaipuri Feb 2021
'किस्स' का भी अजीब सा किस्सा है
फूलों को 'किस्स' करो तो भाव
विनम्रता और सरलता का जागता है
एक छोटे बच्चे को 'किस्स' करो
तो मन ऊर्जा से भर जाता है
बीवी को यदि 'किस्स' करो
जीवन में सुकून बना रहता है
प्रेमिका को 'किस्स' करो
तो नशा ज्यादा होता है
पर मन आशंकित ही रहता है।
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