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Àŧùl Jul 2019
All this cuteness,
I don't really deserve.
All this fondness,
I didn't ever reserve.
All this naughtiness,
I happily observe.
All this womanliness,
I watch with all the nerve.
But all this happiness,
I shall always preserve.
My HP Poem #1753
©Atul Kaushal
Yashu Jaan Jun 2019
बेहद ख़तरनाक कविता यशु जान  

सपना देखकर अचानक उठना,
है बेहद ख़तरनाक,
ग़लती ना होते हुए भी झुकना,
है बेहद ख़तरनाक,
दुश्मन के मुँह पे हंसना,
है बेहद ख़तरनाक
बैठे - बैठे ही थकना,
है बेहद ख़तरनाक
पुलिस को देखकर छुपना,
है बेहद ख़तरनाक,
है बेहद ख़तरनाक

नेवले का सांप से सामना,
है बेहद ख़तरनाक,
दुश्मन के दुश्मन का हाथ थामना,
है बेहद ख़तरनाक,
सरकार के साथ यारी,
है बेहद ख़तरनाक
और लाइलाज बीमारी,
है बेहद ख़तरनाक,
चलते - चलते एकदम रुकना,
है बेहद ख़तरनाक,
सपना देखकर अचानक उठना,
है बेहद ख़तरनाक

रूह का बेहद तड़पना,
है बेहद ख़तरनाक,
किसी की याद में भटकना,
है बेहद ख़तरनाक,
रिश्ता नया बनाना,
है बेहद ख़तरनाक
फ़िर निभा ना पाना,
है बेहद ख़तरनाक,
अजनबी का घर में घुसना,
है बेहद ख़तरनाक,
सपना देखकर अचानक उठना,
है बेहद ख़तरनाक

इज़्ज़त को ताश मानना,
है बेहद ख़तरनाक
ख़ुद को बूज़दिल जानना,
है बेहद ख़तरनाक,
यार को घर बुलाना,
है बेहद ख़तरनाक,
घर का सदस्य बनाना,
है ख़तरनाक,
यशु जान ग़ुरबत में ठुकना,
है बेहद ख़तरनाक,
सपना देखकर अचानक उठना,
है बेहद ख़तरनाक,
ग़लती ना होते हुए भी झुकना,
है बेहद ख़तरनाक


यशु जान
यशु जान
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