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Simran pawar Sep 2021
निकला हु अकेला पहाड़ों में
अकेलापन सुकून की चाहत में |
कहानी मंज़र बदलेगा जरूर मेरा
ये हवायें कहती है
तम्माम तकलीफों का इल्लज यही हैं ||

— The End —