अबस-ए-ज़िंदगी मेरी, तेरी मोहताज हो गई,
जो हालत आज तक न थी, वो हालत आज हो गई।
चादर की सिलवटों में भी तेरा एहसास होता है,
बदलूं करवटें तो तेरा चेहरा पास होता है,
तेरी मौजूदगी भी पूरे शब भर राज हो गई,
अबस-ए-ज़िंदगी मेरी, तेरी मोहताज हो गई,
जो हालत आज तक न थी वो हालत आज हो गई।