|| चाहत ||
मुझे चाहत नहीं तुझे छोड़ के जाने की,
पर तु समझता नहीं, हद हो चुकी हैं मेरे रोने की।
हर बात पर कहता हैं, इतनी छोटी सी तो बात हैं,
बात अगर छोटी ही हैं, तो मुझे बताता क्यु नहीं।
अगर मुझसे प्यार हैं, तो फ़िर जताता क्यु नहीं।
तेरे लिए तो तेरी आजादी ही प्यारी हैं,
पर तु क्यु नही समझता, प्यार कोई हथकड़ी तो नहीं।
प्यार हो तो एक चाहत होती हैं, दिल से निभाने की।
पर सायद तुझे मुझसे मोहबत ही नहीं,
इसीलिए तो जरूरत पड़ती हैं तुझे इन सब बहाने की।
तु मुझे छोड़ना चाहता हैं, तो छोड़ दे,
पर मुझे चाहत ही नहीं, तुझे छोड़ के जाने की।।
~Tannu.