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जन्म के साथ ही
सांसरिक कष्टों मे फँसता है प्राणी
हर पल – हर घाड़ी बस
पछताता है प्राणी ।

जीवन की घड़ियाँ बिताती है, पर
कष्टो को झेल न पाया प्राणी
हर पल – हर दिन
दुख झेलता
जीवन का बोझ उठता है प्राणी।

सुख आए छन भर, पर
दुख है सत्य
क्यो आया,
क्या पाया,
काष्ट और दुखो बस एक
क्या खिलौना है प्राणी।

क्यो जन्मा प्राणी
क्यो आया ?
हर कष्टो को झेलता
पछताता है प्राणी ।

-----संदीप कुमार सिंह ।
संसार वालो !
मत पड़ो तुम, इस धर्म के जल मे,
ये सब तो है बेकार,
मानव धर्म है सब से महान,
सीख लो तुम ये संस्कार।

कबीर दस ने हमे सिखाया,
मानवता का ज्ञान,
मूर्ति पुजा करने से
मिले न हमे भगवान ।

संसार वालो!
मानव मे है ईश्वर
करो मानव का सम्मान,
ईश्वर मे है श्रद्धा तो
गरीबो को करो कुछ दान।

जो खर्च किये है तुमने
ईश्वर के नाम,
वह खर्च कभी न आएगा
तुम्हारे किसी भी काम।
अगर मानव के प्रति नहीं है श्रद्धा
नहीं है ध्यान, तो
ईश्वर भी नहीं मेहरबान।

संदीप कुमार सिंह ।
वर्षा रानी जल्दी आना,
आकर सब की प्यास बुझाना,
थोड़ी- थोड़ी ही तुम आना,
आपने दर्शन देती जाना ।


पता तुम्हें क्या बीत रही है,
इन धधकती ज्वालों में,
गर्मी से जलती धरती, और
हवाओं के हर झोकों में ।

तन – मन मेरा काँप रहा है,
सब खून – पसीना सूख रहा है,
सूरज से निकली तापो में,
दुनियाँ ये सारा झुलस रहा है,

वर्षा रानी जल्दी आना ,
आकर हम सब की प्राण बचाना।

एक सिकायत करता हूँ मैं,
बादल फट के तू न आना,
गर्जन के संग तू न आना ,
आँधी लेकर तू न आना,
आना तो बस ऐसे आना,
सब को जीवन देती आना ।

वर्षा रानी जल्दी आना,
आकर सब की प्यास बुझाना,
थोड़ी – थोड़ी ही तुम आना,
अपना दर्शन देती जाना ।
वर्षा रानी जल्दी आना ।

------- संदीप कुमार सिंह ।
बेटी हूँ तो मिटा दिया |

क्या थी मेरी गलती माँ,
जो तूने मुझे मिटा दिया,
अपनी ही हांथो से तूने,
आँचल अपना हटा दिया,

देेख न पायी मैं तेरी सूरत ,
कैसी थी माँ तेरी मूरत,
चली गई मैं यहाँ से रोवत,
कैसी थी माँ पापा की सूरत |

बेटी हूँ मैं इसी लिए क्या ,
हाथ अपना हटा लिया ?
क्या थी मेरी गलती माँ,
जो तूने मुझे मिटा दिया ?

यह दुनिया देखने से पहले,
क्यो तूने मुझे सुला दिया,
क्या थी मेरी गलती माँ,
जो इतना बड़ा सजा दिया?

" बेटी है तो क्या हुआ,ये है आँखों का नूर  |
जीने का अद्दिकार छीन कर करो न इनको दूर |"

                                                    संदीप कुमार सिंह |
                                       ( हिंदी विभाग, तेज़पुर विश्वविधयालय )
                                               मो.नॉ. +918471910640

— The End —