Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jun 2021
दर्द की फिक्र
जब तक वास्ता ना पड़े
हकीम के हाथ से
जब वास्ता पड़े
ज्ञान‌का पुलिन्दा फिर
काम ना‌ करे
अपने पराये सब
दूर ही खड़े
सब कुछ भूल
राम नाम ही उचारे
सत्य का दर्शन
बस यही है प्यारे ।।
# On facing the molar extraction this afternoon.
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
  303
     ---, Healer, Benzene and Khaab
Please log in to view and add comments on poems