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Mohan Sardarshahari
Poems
Apr 2021
मरुस्थल में अंगूर
बन बादली तू आई
स्नेह और उल्लास लेकर
जब तूने मेरे मार्ग को अख्तियार किया
तब मैं उपकृत हुआ
अब ओनर्स से मास्टर डिग्री लेने पर
मैं सचमुच तर गया
सच में तुमने लिख दिया
फिर मेरा इतिहास नया
मैं जब भी जागते हुए सपने देखता
तेरी सफलताओं की कामनाओं में खो कर
लोग मुझे अज्ञान कहते
मरुस्थल में अंगूर उगाने का नाम लेकर
मिट गई कुछ तो पीर मेरी
जब तूने लिखा मेरा इतिहास नया ।।
# On getting M.Tech. with Honours in Power System Engineering by my daughter.
Written by
Mohan Sardarshahari
56/M/India
(56/M/India)
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