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Feb 2021
दिन ढल रहा है
रात आ रही है
मगर कुछ मुझसे,
ये शाम कह रही है
क्यूं होते हो निराश
अब उठ जाओ
मत होने दो अंधेरा
दीपक जलाओ
कल फिर आएगा सूरज
एक नई चमक लेकर
बस इस आस में
एक नया "जहां सजाओ"!!
Written by
Nilesh Kumar  19/M
(19/M)   
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